आपसी सम्मान, महाराष्ट्र की प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता के कारण राकांपा अब भी महायुति में : अजित पवार

आपसी सम्मान, महाराष्ट्र की प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता के कारण राकांपा अब भी महायुति में : अजित पवार

आपसी सम्मान, महाराष्ट्र की प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता के कारण राकांपा अब भी महायुति में : अजित पवार
Modified Date: September 19, 2025 / 01:44 pm IST
Published Date: September 19, 2025 1:44 pm IST

नागपुर, 19 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि सहयोगियों के बीच आपसी सम्मान और राज्य की प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता के कारण उनकी पार्टी अब भी महायुति गठबंधन का हिस्सा है।

पवार ने यहां राकांपा के ‘चिंतन शिविर’ के उद्घाटन सत्र में पदाधिकारियों और पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में स्थिरता और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अपने चाचा शरद पवार द्वारा गठित पार्टी से अलग होने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि ‘चिंतन शिविर’ न केवल आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने पर केंद्रित होगा, बल्कि भावी पीढ़ी पर भी केंद्रित होगा।

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पवार ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान विचार-विमर्श और चर्चा के बाद एक मसौदा तैयार किया जाएगा और उसे ‘नागपुर घोषणा’ के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन में है और कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मैंने यह कदम क्यों उठाया और पारिवारिक तथा व्यक्तिगत रिश्तों में तनाव क्यों स्वीकार किया। मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने ऐसा सत्ता या पद के लिए नहीं, बल्कि महाराष्ट्र को स्थिरता प्रदान करने और उसकी प्रगति सुनिश्चित करने के लिए किया।’’

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आपसी सम्मान और राज्य की प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण पार्टी अभी भी महायुति गठबंधन का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिनके नेतृत्व में देश को स्थिरता मिली है और उन्होंने हमेशा महाराष्ट्र के लिए बड़ा दिल दिखाया है। उन्होंने महाराष्ट्र के विकास के लिए मेरी मांगों को हमेशा स्वीकार किया है।’’

उन्होंने कहा कि राकांपा को अपना जनसंवाद जारी रखना चाहिए और लोगों के सवाल और शिकायतें सुननी चाहिए तथा काम में देरी नहीं करनी चाहिए।

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा


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