कुछ भी पूर्ण नहीं है; हमें कॉलेजियम की जगह बेहतर प्रणाली ढूंढनी होगी: पूर्व न्यायाधीश
कुछ भी पूर्ण नहीं है; हमें कॉलेजियम की जगह बेहतर प्रणाली ढूंढनी होगी: पूर्व न्यायाधीश
मुंबई, आठ अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अभय ओका ने शुक्रवार को कहा कि कुछ लोगों का यह मानना हो सकता है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली दोषपूर्ण है, लेकिन इसके लिए बेहतर प्रणाली ढूंढनी होगी।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में “सरकार को जवाबदेह बनाना: स्वतंत्र न्यायपालिका और मुक्त प्रेस की भूमिका” विषय पर कहा कि कोई भी प्रणाली पूर्णतया परिपूर्ण नहीं होती।
वर्तमान प्रणाली के तहत, वरिष्ठतम न्यायाधीशों का एक कॉलेजियम उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को सिफारिशें करता है।
पूर्व न्यायाधीश ओका ने कहा, “कोई कह सकता है कि कॉलेजियम प्रणाली गलत है, लेकिन हमें मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली के स्थान पर एक बेहतर प्रणाली विकसित करनी होगी।”
उन्होंने कहा, “कोई भी व्यवस्था पूर्णतया परिपूर्ण नहीं हो सकती। हर व्यवस्था में खामियां होती हैं। न्यायपालिका में खामियां होती हैं, कार्यपालिका में खामियां होती हैं। इसलिए हमें एक बेहतर व्यवस्था ढूंढनी होगी… एक बेहतर व्यवस्था विकसित करनी होगी।”
वह कॉलेजियम प्रणाली की कार्यप्रणाली और कुछ न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
भाषा प्रशांत अविनाश
अविनाश

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