ऑपरेशन सिंदूर के बाद आपत्तिजनक संदेश: अदालत ने शिक्षक के खिलाफ मामला रद्द करने से किया इनकार

ऑपरेशन सिंदूर के बाद आपत्तिजनक संदेश: अदालत ने शिक्षक के खिलाफ मामला रद्द करने से किया इनकार

ऑपरेशन सिंदूर के बाद आपत्तिजनक संदेश: अदालत ने शिक्षक के खिलाफ मामला रद्द करने से किया इनकार
Modified Date: July 29, 2025 / 10:29 pm IST
Published Date: July 29, 2025 10:29 pm IST

मुंबई, 29 जुलाई (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पुणे की एक स्कूल शिक्षिका के खिलाफ भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद एक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ पर कथित तौर पर अपमानजनक संदेश और तस्वीरें पोस्ट करने के मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया।

आरोपी महिला के अपनी ‘हाउसिंग सोसाइटी’ के ‘ऑल-वीमन व्हाट्सऐप ग्रुप’ में पोस्ट किए गए संदेशों में कथित तौर पर एक वीडियो शामिल था जिसमें भारतीय राष्ट्रीय ध्वज जलते हुए दिख रहा था और वीडियो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उपहास उड़ाया गया था।

न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की पीठ ने आदेश में कहा कि महिला शिक्षित है और उसने अपने संदेशों से गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

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अदालत ने कहा कि संदेशों की सामग्री ‘‘स्पष्ट तौर पर अपराध करने का इरादा या इस बात का ज्ञान कि कार्य अपराध के बराबर होगा, का संकेत देती है और इसकी गहन जांच की आवश्यकता है।

अदालत ने 46 वर्षीय महिला द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मई में पुणे के कालेपदल थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।

शिकायत के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद समूह के सदस्यों ने बधाई संदेश साझा किए, लेकिन आरोपी ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय ध्वज के जलने के दृश्यों वाला एक अपमानजनक वीडियो पोस्ट किया, साथ ही देश का अपमान करने वाला एक ‘स्टेटस’ संदेश भी पोस्ट किया।

भाषा

सुरभि प्रशांत

प्रशांत


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