फलटण आत्महत्या मामले में पुलिसकर्मी, इंजीनियर उत्पीड़न में शामिल: मुख्यमंत्री

फलटण आत्महत्या मामले में पुलिसकर्मी, इंजीनियर उत्पीड़न में शामिल: मुख्यमंत्री

फलटण आत्महत्या मामले में पुलिसकर्मी, इंजीनियर उत्पीड़न में शामिल: मुख्यमंत्री
Modified Date: December 9, 2025 / 01:06 pm IST
Published Date: December 9, 2025 1:06 pm IST

नागपुर, नौ दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि फलटण में कथित तौर पर आत्महत्या करने वाली महिला चिकित्सक द्वारा छोड़े गए ‘सुसाइड नोट’ में उसी की लिखावट होने की पुष्टि हो गई है और पुलिस अधिकारी एवं सॉफ्टवेयर इंजीनियर उसके उत्पीड़न में शामिल थे।

‘सुसाइड नोट’ पर पुलिस अधिकारी और साफ्टवेयर इंजीनियर के नाम लिखे हुए थे।

मुख्यमंत्री यहां विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक अमित साटम के प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

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एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सक का शव अक्टूबर में पश्चिमी महाराष्ट्र के फलटण कस्बे के एक होटल में पाया गया था। अपनी हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में चिकित्सक ने आरोप लगाया था कि पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल बदने ने कई बार उससे दुष्कर्म किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

साटम ने सवाल उठाया कि क्या ‘सुसाइड नोट’ में जिन लोगों के नाम थे, वे उसकी मौत में शामिल थे।

फडणवीस ने प्रश्नकाल के दौरान कहा, ‘‘चिकित्सक ने अपने हाथ पर एक ‘सुसाइड नोट’ लिखा था, जिसमें दो लोगों के नामों का उल्लेख था। जांच में पाया गया है कि लिखावट महिला की लिखावट से मेल खाती है।’

उन्होंने कहा, ‘‘जांच से पता चला है कि पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल बदने ने शादी का वादा करके उसका यौन शोषण किया। पता चला है कि दूसरे आरोपी (बनकर) ने भी उसे धोखा दिया। अब तक की जांच के अनुसार, उसकी मौत गला घोंटने से नहीं, बल्कि फंदा लगाने से हुई है। हालांकि, हमने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि क्या कोई और व्यक्ति इसमें शामिल था।’’

उन्होंने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की महिला अधिकारी मामले की जांच कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने यह भी कहा कि महिला चिकित्सक 11 महीने के अनुबंध पर थी, इसलिए सरकार अनुकंपा के आधार पर परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने पर विचार नहीं कर सकती, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि मृतक के परिवार को अधिकतम सहायता दी जाएगी।

भाषा यासिर सिम्मी

सिम्मी


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