नक्सल रोधी कार्रवाई में 92 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, शहरी नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ:सरकार

नक्सल रोधी कार्रवाई में 92 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, शहरी नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ:सरकार

नक्सल रोधी कार्रवाई में 92 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, शहरी नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ:सरकार
Modified Date: December 13, 2025 / 05:36 pm IST
Published Date: December 13, 2025 5:36 pm IST

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने विभिन्न एजेंसियों की समन्वित कार्रवाई के तहत 92 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर नक्सलियों की आर्थिक जीवनरेखाओं को काफी हद तक संकुचित कर दिया है। शनिवार को एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है।

बयान में कहा गया है कि इस कार्रवाई से “अर्बन नक्सलियों” को भी गंभीर नैतिक व मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुंचा है और उनके सूचना नेटवर्क पर नियंत्रण कड़ा कर दिया गया है।

मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सल-मुक्त बनाने के दृढ़ लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) में एक समर्पित प्रकोष्ठ का गठन किया है।

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इस प्रकोष्ठ ने 40 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है, जबकि राज्य के प्राधिकारियों ने अतिरिक्त 40 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 12 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।

बयान में कहा गया है, “समन्वित कार्रवाई से शहरी नक्सलियों को गंभीर नैतिक व मनोवैज्ञानिक क्षति पहुंची है और उनके सूचना आधारित युद्ध से जुड़े नेटवर्क पर नियंत्रण कड़ा किया गया है।”

माओवादी उग्रवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का विस्तृत विवरण देते हुए सरकार ने बताया कि 2014 में जहां 36 जिले नक्सलवाद से ‘सबसे अधिक प्रभावित’ थे, वहीं 2025 में ऐसे केवल तीन जिले शेष रह गए हैं।

सरकार ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक 317 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है, 862 को गिरफ्तार किया गया है और 1,973 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

बयान में कहा गया है, “कुल 28 शीर्ष नक्सली नेताओं का अंत किया गया है। वर्ष 2024 में एक केंद्रीय समिति का सदस्य और 2025 में ऐसे पांच सदस्यों का खात्मा किया गया।”

सुरक्षा बलों की प्रमुख सफलताओं को गिनाते हुए सरकार ने कहा कि ‘ब्लैक फॉरेस्ट’ अभियान के तहत 27 कट्टर नक्सली मारे गए।

सरकार ने कहा, ‘‘नक्सल प्रभावित जिलों की कुल संख्या 2014 में 126 से घटकर 2025 में मात्र 11 रह गई है। किलाबंद पुलिस थानों की संख्या 2014 तक केवल 66 थी, जो पिछले 10 वर्षों में बढ़कर 586 हो गई है।’’

नक्सली घटनाओं की संख्या वर्ष 2013 में 76 जिलों में 330 थी, लेकिन जून 2025 तक यह संख्या घटकर केवल 52 रह गई है जिनका संबंध 22 जिलों से है।

भाषा जोहेब संतोष

संतोष


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