IBC24 News Mind Summit: औचक निरीक्षण सिर्फ रील तक तो नहीं है सीमित? मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कह दी ये बड़ी बात
Chhattisgarh Anganwadi News: औचक निरीक्षण सिर्फ रील तक तो नहीं है सीमित? मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कह दी ये बड़ी बात
Chhattisgarh Anganwadi News/Image Source: IBC24
- मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने किया बड़ा खुलासा
- आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण
- आंगनबाड़ी केंद्रों में कमी पाई तो तुरंत कार्रवाई
रायपुर: Chhattisgarh Anganwadi News: साय सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर आज मध्य भारत का सबसे बड़ा और विश्वसनीय न्यूज चैनल आईबीसी 24 छत्तीसगढ़ सरकार को ‘माइंड समिट’ के तौर पर मंच प्रदान कर रहा है। इस समिट में हम छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों से जहां उनके दो साल के अनुभव पर चर्चा कर रहे हैं, तो वहीं आने वाले तीन सालों के लिए विकास और जनकल्याण के रोडमैप को भी जानने की कोशिश कर रहे हैं।
IBC24 मंच से मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का जवाब ( Minister Laxmi Rajwade EXCLUSIVE)
इसके साथ ही हम आज बात कर रहे हैं विपक्ष के तौर पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से भी। अलग-अलग सेशन में हम रूबरू होंगे दिग्गज मंत्रियों और विपक्ष के नेताओं से और जानेंगे कैसा रहा है छत्तीसगढ़ की साय सरकार का दो साल का कार्यकाल। IBC24 के माइंड समिट के मंच पर पहुंचे और औचक निरीक्षण का असली मकसद को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बड़ा बयान दिया है।
आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण (Chhattisgarh Anganwadi Inspection)
Chhattisgarh Anganwadi News: मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा की कोई निरीक्षण के दौरान जाता है तो पाया जाता है कि सामग्री की एक्सपायरी डेट हो चुकी होती है। यह एक बड़ी समस्या है। दूसरी समस्या यह है कि जब हम स्वयं निरीक्षण के लिए जाते हैं, तो वहां सब कुछ अपडेटेड ही दिखता है। जो नहीं दिखता, उसके लिए हम सख्त निर्देश दे आते हैं। मंत्री महोदया जब जाती हैं तो निरीक्षण की जानकारी पहले से मिल जाती है, इसलिए कभी-कभी सब अपडेट कर लिया जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि वास्तविक स्थिति पूरी तरह छिपी रहती है। मेरा प्रयास रहता है कि बिना पूर्व सूचना दिए आंगनबाड़ी केंद्र या विभाग की किसी भी संस्था का औचक निरीक्षण किया जाए।
आंगनबाड़ी केंद्रों में कमी पाई तो तुरंत कार्रवाई (CG Anganwadi Quality Check)
Chhattisgarh Anganwadi News: अगर व्यवस्था की वास्तविक स्थिति जाननी है, तो हमें किसी केंद्र पर जाने से पहले जानकारी देने की बजाय पहले अन्य केंद्रों का निरीक्षण करना चाहिए ताकि वास्तविक परिस्थितियाँ सामने आएं। इसके बाद इसे सुधारने के लिए लगातार सचिव या डीपीओ के माध्यम से जिला स्तरीय बैठक आयोजित की जाती है। बैठक में जहां-जहां कमियां पाई जाती हैं अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाती है और आवश्यकतानुसार फटकार भी दी जाती है। जहां गंभीर स्थिति पाई जाती है वहां सुधार के लिए निर्देश जारी किए जाते हैं और कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है ताकि स्थिति में सुधार हो सके।
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