पुणे महानगर पालिका चुनावः भाजपा के ‘प्रस्ताव’ के विरोध में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने गोरहे के आवास के बाहर प्रदर्शन किया

पुणे महानगर पालिका चुनावः भाजपा के 'प्रस्ताव' के विरोध में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने गोरहे के आवास के बाहर प्रदर्शन किया

पुणे महानगर पालिका चुनावः भाजपा के ‘प्रस्ताव’ के विरोध में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने गोरहे के आवास के बाहर प्रदर्शन किया
Modified Date: December 26, 2025 / 05:12 pm IST
Published Date: December 26, 2025 5:12 pm IST

पुणे, 26 दिसंबर (भाषा) पुणे महानगरपालिका चुनाव के लिए भाजपा द्वारा दिए गए 15 सीट के ‘प्रस्ताव’ के विरोध में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पार्टी की वरिष्ठ नेता नीलम गोरहे के आवास के बाहर शुक्रवार को प्रदर्शन किया।

पुणे महानगरपालिका के लिए 15 जनवरी को मतदान होगा।

इससे पहले दिन में गोरहे ने पत्रकारों को बताया कि शिवसेना ने 35 सीट की मांग की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने शुरू में 12 सीट की पेशकश की थी, लेकिन पार्टी नेताओं द्वारा शिवसेना प्रमुख व उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्योग मंत्री उदय सामंत से बात किए जाने के बाद प्रस्ताव को संशोधित कर 15 सीट कर दिया।

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हालांकि, यह प्रस्ताव कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं और टिकट दावेदारों को पसंद नहीं आया और वे गोरहे के आवास के बाहर एकत्र हो गए और विरोध जताया।

पार्टी के एक कार्यकर्ता ने पूछा, ‘पार्टी किस आधार पर टिकट बांटेगी? अगर हमारी मांग 35 से 40 सीट की थी, तो नेताओं ने सिर्फ 15 सीट को क्यों स्वीकार कर लिया।’

पुणे महानगरपालिका की कुल 162 सीटों पर वर्ष 2017 में हुए चुनावों में भाजपा ने 97 सीट, राकांपा ने 39 सीट और अविभाजित शिवसेना ने 10 सीट पर जीत दर्ज की थी।

एक अन्य कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि निर्णय चार चुनिंदा लोगों द्वारा लिए जा रहे हैं, और पार्टी कार्यकर्ताओं की राय को ध्यान में नहीं रखा जा रहा है। उसने कहा कि इन चार व्यक्तियों में गोरहे, शहर इकाई अध्यक्ष प्रमोद नाना भांगिरे और पुरंदर विधायक विजय शिवतरे शामिल हैं और ये अपने लोगों के लिए टिकट मांग रहे हैं।

कार्यकर्ता ने कहा कि शिवसेना को पुणे में 50 से 55 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए।

विरोध प्रदर्शन के बीच शहर के मॉडल कॉलोनी इलाके में गोरहे के आवास के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

बाद में पत्रकारों से बातचीत में गोरहे ने कहा कि उन्होंने सिर्फ भाजपा के 15 सीट के ‘प्रस्ताव’ की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब यह नहीं है कि शिवसेना ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अंतिम फैसला एकनाथ शिंदे लेंगे।’

गोरहे ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि गठबंधन और सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला शिंदे लेंगे। वे बात समझ गए और शांतिपूर्वक चले गए।’

पुणे महानगरपालिका समेत 29 महानगरपालिकाओं के लिए चुनाव 15 जनवरी को होंगे और मतगणना अगले दिन होगी। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 23 दिसंबर से शुरू हुई और 30 दिसंबर को समाप्त होगी।

भाषा

शुभम पवनेश

पवनेश


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