स्कूली छात्रा का शील भंग करने के मामले में रिक्शा चालक बरी

स्कूली छात्रा का शील भंग करने के मामले में रिक्शा चालक बरी

स्कूली छात्रा का शील भंग करने के मामले में रिक्शा चालक बरी
Modified Date: May 26, 2025 / 01:12 pm IST
Published Date: May 26, 2025 1:12 pm IST

ठाणे (महाराष्ट्र), 26 मई (भाषा) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली ठाणे स्थित एक अदालत ने 12वीं कक्षा की 17 वर्षीय छात्रा की शालीनता को ठेस पहुंचाने के आरोपी रिक्शा चालक को बरी कर दिया है।

नाबालिग छात्रा की शिकायत पर आधारित प्राथमिकी में कहा गया था कि 26 फरवरी, 2018 को जब छात्रा रिक्शा का किराया दे रही थी, तब मोहनलाल गुप्ता (39) अपनी पैंट की ‘जिप’ खोलकर अपने निजी अंगों को छू रहा था।

गुप्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (शील भंग करना) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया गया थ।

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पॉक्सो अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष न्यायाधीश रूबी यू मालवणकर ने नौ मई के अपने आदेश में गुप्ता को बरी कर दिया।

अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘‘पीड़िता ने जिरह के दौरान स्वीकार किया कि ऑटो रिक्शा चालक ने अपनी जिप उसकी मौजूदगी में नहीं खोली। उसने स्वीकार किया कि उसकी जिप (पहले से) खुली थी। ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसा नहीं था कि उसने पीड़िता को देखकर अपनी पैंट की जिप खोलनी शुरू की या ऐसा कोई अन्य काम किया जिससे वह उसका ध्यान अपनी ओर और अपने कृत्य की ओर विशेष रूप से आकर्षित कर सके। ऐसा करने पर यह अपमानजनक कृत्य बनता।’’

उसने कहा कि पीड़िता ने अपनी गवाही के दौरान पुलिस या अदालत के समक्ष ऑटो रिक्शा का विवरण नहीं बताया और इन सभी आधारों पर आरोपी की पहचान संदेह से परे स्थापित नहीं की जा सकती।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश


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