मुंबई, 17 मई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने एक छात्र को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में महाराष्ट्र के कोल्हापुर के एक स्कूल के अध्यक्ष को गिरफ्तारी से संरक्षण देने से इनकार कर दिया।
पिछले महीने पारित एक आदेश में न्यायमूर्ति विनय जोशी की पीठ ने गणपतराव पाटिल द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोल्हापुर पुलिस ने अप्रैल में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पाटिल ने 10वीं कक्षा के एक छात्र को फटकार लगाई थी जिसके कुछ घंटों बाद उसने आत्महत्या कर ली।
उच्च न्यायालय ने कहा कि आरोपी ने लड़के को अपमानजनक तरीके से डांटा था और प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि लड़के को गहरा धक्का लगा था। प्राथमिकी के अनुसार लड़के के दादा ने दो अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि उसका पोता सिंबॉलिक इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 10 में पढ़ता था, जिसमें पाटिल अध्यक्ष और उसकी पत्नी प्रधानाध्यापक हैं।
शिकायतकर्ता के मुताबिक एक अप्रैल को उन्हें स्कूल आकर अपने पोते को घर ले जाने के लिए कहा गया। लड़के ने अपने दादा को बताया कि जब वह फुटबॉल खेल रहा था, उसी दौरान गोल करते समय अनजाने में एक लड़की को टक्कर लग गई और वह घायल हो गई। इसके बाद पाटिल ने उसे भद्दे तरीके से डांटा और अपशब्द कहे।
आदेश में कहा गया कि पाटिल ने लड़के को असभ्य कहा। उसने लड़के से यह भी कहा कि वह सुधरने वाला नहीं है और वह झुग्गी बस्ती का लड़का है। अदालत ने कहा, ‘‘आवेदक की टिप्पणी आपत्तिजनक थी। बेशक, वह छात्रों को फटकार सकता है, लेकिन ऐसी भाषा में नहीं जो कोमल दिमाग को चकनाचूर कर दे। चश्मदीदों के बयान के मुताबिक, आवेदक ने लड़के को बुरे तरीके से डांटा।’’
अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि पाटिल ने छात्र के मन में ऐसा भाव पैदा कर दिया जिससे वह गहरी निराशा में डूब गया।
भाषा आशीष नरेश
नरेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भाजपा को वोट देने का मतलब देशभक्तों का साथ, जो…
9 hours agoमोदी डरे हुए हैं, जानते हैं कि चुनाव उनके हाथ…
9 hours agoमुंबई : सेप्टिक टैंक में गिरने से दो मजदूरों की…
9 hours ago