मुंबई की एक आवासीय इमारत में आग लगने से सात लोगों की मौत, 60 से अधिक घायल
मुंबई की एक आवासीय इमारत में आग लगने से सात लोगों की मौत, 60 से अधिक घायल
मुंबई, छह अक्टूबर (भाषा) मुंबई के गोरेगांव इलाके में शुक्रवार को तड़के एक आवासीय इमारत में आग लगने से दो बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए जिनमें से पांच की हालत गंभीर है। नगर निगम के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
शहर के अग्निशमन विभाग के प्रमुख ने कहा कि इमारत में अग्निशमन की कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि सात मंजिला इमारत की छत और विभिन्न मंजिलों से 30 निवासियों को सुरक्षित निकाला गया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आग में जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजन के लिए 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आग में झुलसे लोगों का इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाएगा।
बृहन्मुंबई नगरपालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने कहा कि आग गोरेगांव पश्चिम के उन्नत नगर में आजाद मैदान के पास ‘जय भवानी एसआरए बिल्डिंग’ में रात करीब तीन बजे लगी।
उन्होंने कहा कि इसके भूतल पर बहुत सारे पुराने कपड़े रखे थे।
बीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि कुल 68 निवासियों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया जबकि 42 को जोगेश्वरी में नगरपालिका द्वारा संचालित एचबीटी ट्रॉमा केयर अस्पताल में और 15 को जुहू में बीएमसी द्वारा संचालित कूपर अस्पताल में भर्ती कराया गया। 11 घायलों को तीन निजी अस्पतालों में ले जाया गया।
उन्होंने कहा कि घायलों में से दो नाबालिगों और दो महिलाओं समेत सात लोगों की मृत्यु हो गई।
अधिकारियों ने कहा कि छह लोगों की मौत ट्रॉमा केयर में जबकि एक की मौत कूपर अस्पताल में हुई, पांच अन्य की हालत गंभीर है।
उन्होंने बताया कि नौ लोगों को चिकित्सकीय परामर्श के बाद छुट्टी दे दी गई।
मुंबई दमकल विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी रवींद्र अंबुलगेकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “गोरेगांव में जय भवानी एसआरए इमारत पुरानी थी और वहां कोई अग्निशमन प्रणाली उपलब्ध नहीं थी।”
बीएमसी के आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने कहा कि झुलसने से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई।
उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि सभी लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
अग्निशमन अधिकारियों ने बताया कि दमकलकर्मियों के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले, आग पूरी मंजिल पर फैल चुकी थी और बढ़ने लगी थी। उन्होंने कहा कि इससे भूतल में रखे पुराने कपड़े, दुकानें और दोपहिया वाहन पूरी तरह जलकर खाक हो गए।
आग बुझाने में दमकलकर्मियों को करीब चार घंटे लग गए।
एक दमकल अधिकारी ने कहा कि अभियान में आठ से अधिक गाड़ियों और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। चहल ने कहा कि इमारत में एक विशेष समुदाय के कुछ लोगों का पुनर्वास किया गया था। वे मुख्य रूप से पुराने कपड़ों का कारोबार करते हैं।
चहल ने कहा कि उन्होंने इमारत के पार्किंग क्षेत्र में पुराने कपड़े जमा कर रखे थे। चहल ने कहा, ”आग लगने के बाद इसकी (कपड़ों की) वजह से यह तेजी से फैल गई।”
चहल ने कहा, ”आग लगने के बाद इसकी (कपड़ों की) वजह से यह तेजी से फैल गई।” बीएमसी प्रमुख ने कहा कि आग देर रात 3 बजकर 1 मिनट पर लगी और दमकल की गाड़ियां 3 बजकर 10 मिनट तक घटनास्थल पर पहुंच गई थीं।
चहल ने कहा, ”आग लगने के बाद इसकी (कपड़ों की) वजह से यह तेजी से फैल गई।” बीएमसी प्रमुख ने कहा कि आग देर रात 3.01 बजे लगी और दमकल की गाड़ियां 3.10 बजे तक घटनास्थल पर पहुंच गईं। शुरुआत में आग दूसरी मंजिल तक फैल गई थी।
आयुक्त ने कहा कि घायलों में एक ही परिवार के दो बच्चे हैं और वे नौ प्रतिशत तक झुलस गए हैं।
उन्होंने कहा, “अगर प्लास्टिक सर्जरी की जाती है, तो बच्चे इस आघात से उबर सकते हैं। इसलिए हम उन्हें कस्तूरबा अस्पताल में स्थानांतरित कर रहे हैं, जहां पर प्लास्टिक सर्जरी से विशेष उपचार किया जाता है।”
मुख्यमंत्री शिंदे ने मृतकों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा करने के अलावा, सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि उन्होंने मुंबई शहर के संरक्षक मंत्री दीपक केसरकर और उपनगरीय जिला संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा को घटनास्थल पहुंचने का निर्देश दिया है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘गोरेगांव, मुंबई में लोगों की मौत के बारे में सुनकर दुख हुआ। हम बीएमसी और मुंबई पुलिस अधिकारियों के संपर्क में हैं और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इस घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
उपनगरीय जिला संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे और कई अन्य नेता घटनास्थल पर पहुंचे।
घटनास्थल पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, ठाकरे ने कहा कि वह घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
उन्होंने कहा, ”इस त्रासदी पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा

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