जालना, आठ अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के जालना जिले में कथित रूप से गौवध के लिए मवेशियों को ले जाने के आरोप में कुछ लोगों के एक समूह ने सात व्यक्तियों पर हमला कर दिया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित मवेशियों को एक वाहन में ले जा रहे थे, तभी आरोपियों ने उन्हें रोका और मारपीट की। मामले की जांच की जा रही है और संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
तहसील पुलिस ने मंगलवार को हमले के सिलसिले में 10 से 20 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
शिकायतकर्ता निसार पटेल (62) के अनुसार, उसके नियोक्ता पदम राजपूत ने छत्रपति संभाजीनगर की फुलंबरी तहसील में एक साप्ताहिक बाजार से 21 बैल खरीदे थे और मवेशियों को लातूर जिले में ले जाया जा रहा था।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब पशुओं को ले जा रहे वाहन जालना तहसील के लोंडेवाड़ी गांव में पहुंचे तो कुछ लोगों के समूह ने उन्हें रोक लिया और ट्रांसपोर्टरों पर मवेशियों को वध के लिए ले जाने का आरोप लगाया।
यह बताए जाने के बावजूद कि ये पशु कृषि प्रयोजन के लिए थे तथा ट्रांसपोर्टरों के पास खरीद के वैध दस्तावेज थे, समूह ने कथित तौर पर उन्हें लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा।
बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को बचाया एवं मवेशियों को जब्त कर गौशाला में पहुंचाया। हालांकि, शिकायत के अनुसार, इसी समूह ने पुलिस की मौजूदगी में गौशाला में पीड़ितों पर हमला भी किया।
एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने दावा किया कि पुलिस ने शुरुआत में पीड़ितों को हिरासत में लिया और उनपर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
उन्होंने बताया कि बाद में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। शिकायतकर्ता पटेल ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें लगभग 12 घंटे तक हिरासत में रखा।
उप-विभागीय पुलिस अधिकारी अनंत कुलकर्णी ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि आरोपियों ने पुलिस की मौजूदगी में पीड़ितों की पिटाई की।
उन्होंने कहा, ‘‘पीड़ितों और अज्ञात व्यक्तियों के बीच कुछ विवाद था और हम मामले की जांच कर रहे हैं।’’
इस बीच, ‘‘फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र मुस्लिम्स’’ की जालना इकाई ने घटना की निंदा की और वास्तविक हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।
भाषा
शुभम सुरेश
सुरेश