शरद पवार ने नहीं कांग्रेस ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा : आठवले |

शरद पवार ने नहीं कांग्रेस ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा : आठवले

शरद पवार ने नहीं कांग्रेस ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा : आठवले

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : September 22, 2021/7:48 pm IST

ठाणे,22 सितंबर (भाषा) केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा। आठवले ने यह बात शिवसेना नेता अंनत गीते की ओर से पवार पर कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने और 1999 में राकांपा का गठन करने का आरोप लगाने के दो दिन बाद कही।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री गीते ने रायगढ़ में एक रैली को संबोधित करने के दौरान पवार के खिलाफ टिप्पणी करके नए विवाद को जन्म दे दिया है।

पवार को शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का वास्तुकार और धुरी माना जाता है, जो 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना और भाजपा के बीच संबंधों में खटास के बाद सत्ता में आयी।

आठवले ने जिले के कल्याण शहर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा,‘‘ शरद पवार ने कांग्रेस की पीठ में छुरा नहीं घोंपा है। मेरी जानकारी में….यह पवार के साथ 1998में हुआ जब कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। वह कांग्रेस थी जिसने पवार की पीठ में छुरा घोंपा था।’’

गीते ने सोमवार को कहा था ‘‘पवार ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपकर अपनी पार्टी बनाई थी। यदि कांग्रेस और राकांपा एक नहीं हो सकते हैं तो शिवसेना भी पूरी तरह से कांग्रेस की नीति पर नहीं चल सकती। कांग्रेस और राकांपा के रिश्ते हमेशा से सौहार्दपूर्ण नहीं थे।’’

राकांपा का गठन 25 मई, 1999 को शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने किया था, जब उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) से, इटली में जन्मी सोनिया गांधी के पार्टी के नेतृत्व करने के अधिकार पर विवाद के कारण निष्कासित कर दिया गया था।

राकांपा बाद में केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकारों का हिस्सा बनी, जिसमें पवार ने कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और राकांपा ने 2014 तक सत्ता साझा की। गीते ने 2014 के चुनावों के बाद केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया था जब शिवसेना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा थी।

शिवसेना सांसद संजय राउत और भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के बीच विवाद के बीच आठवले ने कहा राउत को इस प्रकार के आरोप लगाने में अपना वक्त नहीं बर्बाद करना चाहिए क्योंकि वह एक सांसद हैं और शिवसेना के प्रवक्ता भी हैं।

दिन में राउत ने कहा था कि वह चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ मात्र1.25 रुपये का मानहानि का मामला दाखिल करेंगे क्योंकि उन्होंने मेरे और मेरी पत्नी के खिलाफ गलत आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पाटिल की औकात 1.25 रुपये से अधिक नहीं है। इस पर पाटिल ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता कि राउत की इज्जत 1.25 रुपये मात्र है ‘‘यह इससे अधिक होनी चाहिए।’’

भाषा

शोभना उमा

उमा

 

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