राउत ने भारत-पाक के बीच ‘सहमति’ के समय पर सवाल उठाए, सर्वदलीय बैठक की मांग की

राउत ने भारत-पाक के बीच ‘सहमति’ के समय पर सवाल उठाए, सर्वदलीय बैठक की मांग की

राउत ने भारत-पाक के बीच ‘सहमति’ के समय पर सवाल उठाए, सर्वदलीय बैठक की मांग की
Modified Date: May 11, 2025 / 07:31 pm IST
Published Date: May 11, 2025 7:31 pm IST

मुंबई, 11 मई (भाषा) शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने रविवार को सरकार पर ऐसे समय में पाकिस्तान के साथ सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताने के लिए निशाना साधा जब पड़ोसी देश को सबक सिखाने का मौका था। उन्होंने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की।

राउत ने पत्रकारों से बातचीत में सरकार पर दोनों देशों के बीच सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के समझौते को स्वीकार करके सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर किया गया है। राउत ने पूछा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप का इससे क्या लेना-देना है?’’

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राउत ने आरोप लगाया कि दोनों देशों के बीच सहमति ऐसे समय में बनी जब दिल्ली की ओर बढ़ रही पाकिस्तानी मिसाइल को हरियाणा में मार गिराया गया। उन्होंने कहा कि गुजरात को भी निशाना बनाया जा सकता था।

शिवसेना (उबाठा) नेता ने दावा किया कि गुजरात में कुछ उद्योगपतियों को बचाने के लिए यह ‘‘विश्वासघात’’ किया गया।

राउत ने कहा, ‘‘ट्रंप किस अधिकार के तहत मध्यस्थता कर रहे थे, जबकि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत 140 करोड़ की आबादी वाला एक संप्रभु देश है। ट्रंप निर्देश देते हैं और हम किन शर्तों के तहत संघर्ष विराम पर सहमत होते हैं? भारत को क्या मिला?’’

उन्होंने कहा कि इससे भारत की छवि खराब हुई है।

राउत ने कहा, ‘‘इस बात पर विचार-विमर्श के लिए सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए कि किन शर्तों के तहत संघर्ष विराम पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस बैठक में मौजूद रहना चाहिए।’’

राउत ने सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताने के पीछे की वजह पूछते हुए कहा कि पाकिस्तान को स्थायी सबक सिखाने का यह एक मौका था।

राउत ने आरोप लगाया, ‘‘देश में राजनीतिक नेतृत्व अचानक लड़खड़ाने लगा और सशस्त्र बलों का मनोबल गिरा दिया। इस स्तर पर पीछे हटने की कोई आवश्यकता नहीं थी। जब हम निर्णायक बिंदु पर पहुंच गए, तो किसी को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह का निर्णय लिया गया।’’

राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘चीन और तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन किया। सरकार को यह बताना चाहिए कि कौन से देश भारत का समर्थन करते हैं। एक भी देश ने भारत का समर्थन नहीं किया। यह किसकी विफलता है?’’

भाषा शफीक नरेश

नरेश


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