विशेष टाडा अदालत ने 1993 के श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले के दो आरोपियों को जमानत देने से इनकार किया

विशेष टाडा अदालत ने 1993 के श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले के दो आरोपियों को जमानत देने से इनकार किया

विशेष टाडा अदालत ने 1993 के श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले के दो आरोपियों को जमानत देने से इनकार किया
Modified Date: November 7, 2025 / 11:08 pm IST
Published Date: November 7, 2025 11:08 pm IST

मुंबई, सात नवंबर (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने 1993 के श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले के दो प्रमुख आरोपियों को ‘अपराध की गंभीरता’ का हवाला देते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया है।

आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत विशेष न्यायाधीश वी डी केदार ने बृहस्पतिवार को मुन्ना हलारी और शोएब कुरैशी को जमानत देने से इनकार कर दिया। दोनों आदेशों का विवरण शुक्रवार को उपलब्ध हुआ।

हलारी के संबंध में अदालत ने फैसला सुनाया कि उसे जमानत पर रिहा करने का कोई मामला नहीं बनता क्योंकि वह 27 वर्ष से अधिक समय से फरार था।

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कुरैशी के मामले में अदालत ने कहा कि उसके आवेदन में कोई दम नहीं है, क्योंकि उसकी पिछली जमानत याचिका खारिज होने के बाद से परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं आया है।

दोनों आरोपी 27 साल से अधिक समय से फरार थे और उन्हें गुजरात एटीएस (आतंकवाद रोधी दस्ता) ने अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया।

हलारी को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था। कुरैशी (जिसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था) को मई 2022 में गुजरात पुलिस द्वारा स्वदेश लाया गया था। बाद में, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विस्फोट मामले दोनों को अपनी हिरासत में ले लिया था।

भाषा शुभम सुभाष

सुभाष


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