मुंबई, एक दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र में बहुप्रतीक्षित स्थानीय निकाय चुनाव का पहला चरण मंगलवार को होगा, जिसमें 264 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतदान होगा।
यह मुकाबला विधानसभा चुनाव के एक वर्ष बाद मित्रवत टकरावों, गठबंधन में तनाव और कानूनी उलझनों के बीच हो रहा है।
करीब एक करोड़ मतदाता ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों के इस बहु-स्तरीय चुनाव के पहले चरण में मतदान के पात्र हैं। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया 31 जनवरी तक पूरी की जानी है।
विभिन्न जिलों में होने वाले चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा और मतगणना तीन दिसंबर को होगी।
दो दिसंबर को होने वाले चुनाव में मुख्य रूप से मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन और विपक्षी गठबंधन ‘महा विकास आघाडी’ (एमवीए) के बीच होगा। ये चुनाव स्थानीय निकायों (नगर परिषद और नगर पंचायत) के 6,705 सदस्यों और 264 अध्यक्षों के भाग्य का फैसला करेंगे।
पहले दो दिसंबर को निर्धारित 24 स्थानीय निकायों के लिए चुनाव नामांकन पत्रों की जांच के बाद निर्वाचन अधिकारियों के निर्णयों के खिलाफ दायर न्यायिक अपीलों के मद्देनजर 20 दिसंबर तक स्थगित कर दिए गए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) द्वारा शनिवार को घोषित यह निर्णय कुछ स्थानीय निकायों की चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं के मद्देनजर आया है, जिसमें नामांकन वापस लेने की समयसीमा और चुनाव चिह्नों के आवंटन में अनियमितताएं शामिल हैं।
एसईसी ने कहा कि कई मामलों में जिला न्यायालय द्वारा अपील पर फैसला 22 नवंबर के बाद सुनाया गया या कुछ मामलों में उम्मीदवारों को महाराष्ट्र नगरपालिका चुनाव नियम, 1966 के नियम 17(1)(बी) के अनुसार नामांकन पत्र वापस लेने के लिए तीन दिन का समय नहीं मिला।
परिणामस्वरूप, इन मामलों में निर्वाचन अधिकारियों द्वारा 26 नवंबर या उसके बाद चुनाव चिह्न आवंटित करने की कार्रवाई को अवैध माना गया। इसलिए, राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐसे प्रभावित नगर निकायों में वर्तमान चुनाव प्रक्रिया पर रोक (स्थगित कर दिया) लगा दी है।
सदस्य सीटों के लिए, यह स्थगन केवल उस विशिष्ट सीट पर लागू होता है, जिसके लिए अपील दायर की गई थी। राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि नया कार्यक्रम उन सीट और अध्यक्ष पदों पर लागू होगा, जहां अदालतों द्वारा 23 नवंबर या उसके बाद अपील का फैसला सुनाया गया था।
एसईसी ने कहा कि सोमवार रात 10 बजे चुनाव प्रचार थम गया और मतदान के दिन किसी भी चुनावी विज्ञापन की अनुमति नहीं होगी। चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को रैलियां आयोजित करने, प्रचार रैली निकालने, लाउडस्पीकर या अन्य माध्यमों से प्रचार करने की अनुमति नहीं होगी।
राज्य में 24 स्थानीय निकायों के अलावा 76 अन्य स्थानीय निकायों की 154 वार्ड सीट के लिए भी मंगलवार को मतदान नहीं होगा।
कुल 246 नगरपालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों के साथ-साथ 288 स्थानीय निकायों में नगरपालिका अध्यक्ष पदों के लिए चुनावों की घोषणा चार नवंबर को की गई थी।
नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने 288 में से 235 सीट हासिल करते हुए भारी जीत हासिल की थी और दो दिसंबर के चुनावों को राज्य में राजनीतिक रुझान के एक प्रमुख संकेतक के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि स्थानीय निकाय के परिणाम यह बताएंगे कि क्या यह गति जमीनी स्तर पर शासन में परिवर्तित होगी या विपक्षी एकजुटता नगरपालिका स्तर पर सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रभुत्व को चुनौती दे सकेगी।
चुनावों में पहले ही महत्वपूर्ण राजनीतिक उठापटक देखने को मिल चुकी है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का मुकाबला उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस के महा विकास आघाडी से है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा स्थानीय निकाय चुनावों को स्थगित करने के फैसले को ‘‘गलत’’ और उम्मीदवारों के साथ ‘‘अन्याय’’ करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत में याचिका या विचाराधीन मामलों के कारण अंतिम क्षण में चुनाव रद्द करना उन उम्मीदवारों के साथ अन्याय है, जिन्होंने नामांकन प्रक्रिया पूरी कर ली है।
वरिष्ठ भाजपा नेता फडणवीस ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और उसे निर्णय लेने का अधिकार है लेकिन चुनाव स्थगित करना पूरी तरह से गलत है।’’
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने सोमवार को एसईसी से कुछ नगर निकायों में चुनाव स्थगित करने के लिए संशोधित चुनाव संबंधी निर्देशों की समीक्षा करने और स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हालिया आदेशों से ‘‘भ्रम’’ पैदा हुआ है।
चव्हाण ने एसईसी को लिखे पत्र में कहा कि नगर परिषदों के लिए चुनाव अपने अंतिम चरण में हैं, सोमवार रात को प्रचार समाप्त हो जाएगा और मंगलवार को मतदान होना है, लेकिन ताजा निर्देशों ने उम्मीदवारों के लिए अनिश्चितताएं पैदा कर दी हैं।
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में कुछ नगर परिषदों और वार्डों में दो दिसंबर के मतदान को स्थगित करने का राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) का निर्णय उसकी ‘‘अराजक कार्यप्रणाली’’ और अपने ही नियमों का पालन करने में विफलता को दर्शाता है।
फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार तथा उनकी पार्टियों के नेताओं ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए जोरदार प्रचार किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 100 सदस्यों और तीन अध्यक्ष पद पर निर्विरोध जीत हासिल की है।
ये स्थानीय निकाय चुनाव उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तहत कराए जा रहे हैं, ताकि लंबित चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक संपन्न कराए जा सकें। उनत्तीस नगर निगमों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के चुनाव कार्यक्रम अभी घोषित नहीं हुए हैं।
भाषा
सिम्मी सुरेश
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