महाराष्ट्र सरकार ने कोरेगांव भीमा जांच आयोग को मुंबई में दफ्तर नहीं दिया; पुणे से करना होगा काम

महाराष्ट्र सरकार ने कोरेगांव भीमा जांच आयोग को मुंबई में दफ्तर नहीं दिया; पुणे से करना होगा काम

महाराष्ट्र सरकार ने कोरेगांव भीमा जांच आयोग को मुंबई में दफ्तर नहीं दिया; पुणे से करना होगा काम
Modified Date: June 16, 2023 / 09:45 pm IST
Published Date: June 16, 2023 9:45 pm IST

मुंबई, 16 जून (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह 2018 की कोरेगांव भीमा हिंसा की जांच कर रहे दो सदस्यीय जांच आयोग को प्रशासनिक कार्य के लिए मुंबई में अपना परिसर नहीं उपलब्ध करा सकती है इसलिए आयोग को पुणे से ही काम करना होगा।

महाराष्ट्र सरकार ने ऐल्गार परिषद के आयोजन से एक दिन पहले एक जनवरी, 2018 में हुई हिंसा की जांच के लिए फरवरी 2018 में आयोग का गठन किया था।

आयोग की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एन. पटेल कर रहे हैं। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त सुमित मलिक उसके सदस्य हैं।

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सरकार ने आयोग को पुणे में सुनवाइयों और प्रशासनिक कार्यों के लिए स्थाल उपलब्ध कराया है लेकिन, चूंकि कुछ गवाह मुंबई के थे इसलिए आयोग यहां से भी काम करता था।

आयोग के सचिव पालनिटकर विश्राम ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘सरकार द्वारा आयोग को मुंबई में कभी स्थान नहीं दिया गया। हम मलिक के कार्यालय से काम किया करते थे।’’

आयोग अपने प्रशासनिक कार्यों के लिए मलिक के कार्यालय का उपयोग करता था और सुनवाई मुंबई में सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए सह्याद्री अतिथि गृह में होती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि मलिक 12 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले थे, आयोग ने काम करने की जगह देने का अनुरोध करत हुए सरकार को पत्र लिखा था। हालांकि, सरकार ने कहा कि उसके पास स्थान उपलब्ध नहीं है और आयोग से मुंबई में किराए की जगह देखने को कहा है।’’

इसलिए आयोग अपना सारा प्रशासनिक कार्य पुणे से करेगा।

भाषा अर्पणा माधव

माधव


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