एमवीए सरकार के कार्यकाल में नहीं अपनाई गई थी त्रि-भाषा नीति: कांग्रेस सांसद

एमवीए सरकार के कार्यकाल में नहीं अपनाई गई थी त्रि-भाषा नीति: कांग्रेस सांसद

एमवीए सरकार के कार्यकाल में नहीं अपनाई गई थी त्रि-भाषा नीति: कांग्रेस सांसद
Modified Date: June 29, 2025 / 10:00 am IST
Published Date: June 29, 2025 10:00 am IST

मुंबई, 29 जून (भाषा) कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महाराष्ट्र सरकार पर कथित ‘‘मराठी विरोधी’’ एजेंडे के खिलाफ जनता के विरोध को दबाने और हिंदी को लागू करने के लिए झूठा प्रचार अभियान शुरू करने का रविवार को आरोप लगाया।

महाराष्ट्र की पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री गायकवाड ने इन दावों का भी खंडन किया कि उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत त्रि-भाषा नीति को अपनाया था।

गायकवाड ने कहा, ‘‘हम हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन महाराष्ट्र पर इसे जबरन थोपने को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’

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कक्षा एक से हिंदी शुरू करने के सरकार के कदम का विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया है।

महाराष्ट्र सरकार ने 17 जून को एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी कर अंग्रेजी और मराठी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से पांच तक के छात्रों के लिए हिंदी को ‘‘सामान्य रूप से’’ तीसरी भाषा बनाया गया जिसके बाद से ही यह विवाद शुरू हुआ है।

शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को राज्य के स्कूलों में हिंदी भाषा पर जीआर जलाने की अपील की थी।

महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से हिंदी को अनिवार्य बनाने की नीति को एमवीए सरकार के कार्यकाल के दौरान मंजूरी दी गई थी।

गायकवाड ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘जैसा कि देखा जा सकता कि भाजपा के हिंदी एजेंडे के खिलाफ महाराष्ट्र एकजुट है, ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टी और उसके सहयोगी जानबूझकर गलत सूचना फैला रहे हैं और इस एकता को तोड़ने व विरोध की आवाज को दबाने के लिए झूठे संदर्भों का हवाला दे रहे हैं।’’

उन्होंने इन दावों का खंडन किया कि पूर्ववर्ती एमवीए सरकार ने एनईपी 2020 के तहत त्रि-भाषा फॉर्मूले को स्वीकार किया था।

गायकवाड ने कहा, ‘‘जिस डॉ. रघुनाथ माशेलकर समिति का हवाला दिया जा रहा है, उसे स्कूल शिक्षा विभाग ने नियुक्त नहीं किया था। इसका उद्देश्य उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग से संबंधित एनईपी प्रावधानों की समीक्षा करना था, न कि स्कूली शिक्षा से।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तत्कालीन उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत अब झूठी बातों को बढ़ावा दे रहे हैं।’’

गायकवाड ने कहा कि स्कूली शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान एनईपी के कई पहलू महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ पाए गए।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अनुसार, स्कूली शिक्षा पर नीति के प्रभावों का आकलन करने के लिए शिक्षा आयुक्त के तहत विभिन्न अध्ययन समूह बनाए गए थे। इस आशय का एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) 24 जून 2022 को जारी किया गया था।’’

एमवीवए सरकार द्वारा त्रि-भाषा फॉर्मूले को स्वीकार करने के आरोपों को खारिज करते हुए गायकवाड ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से झूठ है। यह सरकार अपने स्वयं के निर्णयों से ध्यान हटाने के लिए झूठ का सहारा ले रही है।’’

गायकवाड ने कहा, ‘‘हमने सभी स्कूलों, सभी माध्यमों, बोर्डों और प्रबंधनों में कम से कम कक्षा आठ तक मराठी को अनिवार्य बनाने वाला कानून पारित किया।’’

भाषा

खारी जोहेब

जोहेब


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