Raj-Uddhav Thackeray Rally: ‘जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया’.. 20 साल बाद एक साथ मंच पर गरजे उद्धव और राज ठाकरे

Raj-Uddhav Thackeray Rally: 'जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया'.. 20 साल बाद एक साथ मंच पर गरजे उद्धव और राज ठाकरे

Raj-Uddhav Thackeray Rally: ‘जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया’.. 20 साल बाद एक साथ मंच पर गरजे उद्धव और राज ठाकरे

Raj-Uddhav Thackeray Rally| Image Credit: ANI

Modified Date: July 5, 2025 / 02:14 pm IST
Published Date: July 5, 2025 2:12 pm IST

Raj-Uddhav Thackeray Rally: मुंबई। महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर चल रहे विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने ‘मराठी एकता’ पर मुंबई के वर्ली डोम में विजयी रैली निकाली। इस अवसर पर राज ठाकरे ने कहा , ‘मैंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है। 20 साल बाद हम एक मंच पर आए हैं, आपको दिख रहे हैं। जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया। हम दोनों को साथ लाने का काम। हमारे लिए सिर्फ महाराष्ट्र और मराठी एजेंडा है, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।’

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राज ठाकरे ने आगे कहा कि, ‘आपके पास विधान भवन में ताकत है, लेकिन हमारे पास सड़कों पर ताकत है। इसे ‘विजय रैली’ नाम दिया गया, इसमें कांग्रेस शामिल नहीं हुई है। यह रैली किसी भी झंडे या पार्टी के बैनर तले नहीं की गई। दरअसल, हिंदी को अनिवार्य करने के फै़सले का विरोध होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इसे रद्द कर दिया था। राज और उद्धव ठाकरे इसके खिलाफ मिलकर मार्च निकालने वाले थे, लेकिन फैसला रद्द होने के बाद मार्च की जगह विजयी रैली निकाली गई। बता दें कि, उद्धव और राज आखिरी बार 2006 में बाला साहेब ठाकरे की रैली में साथ दिखे थे।

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दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे ने आगे के राजनीतिक घटनाक्रम का संकेत देते हुए कहा कि, “अनाज किसानों ने हमारे बीच की खाई को मिटा दिया है।” बता दें कि, इससे पहले जब मार्च निकालने का फैसला हुआ था, तब संजय राउत ने फेसबुक पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की तस्वीर के साथ एक पोस्ट की थी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि, “अब वे पूछ रहे हैं कि क्या हम मराठी नहीं हैं? अब हमें यह साबित करने के लिए रक्त परीक्षण करवाना होगा कि हम मराठी हैं? हमें मुंबई मिली, हमने इसके लिए लड़ाई लड़ी, उस समय के राजनेता नहीं चाहते थे कि महाराष्ट्र में मराठी हों। अब केंद्र सरकार कहती है – हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान।

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उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि, हमें हिंदू और हिंदुस्तान तो मंजूर है, लेकिन हिंदी नहीं। हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपकी सात पीढ़ियां खत्म हो जाएंगी, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। जब हम एक होने की बात करते हैं, तो ये लोग झगड़ा लगाते हैं। ये कहते हैं कि इनका ‘म’ मराठी का नहीं, महाराष्ट्र का है, अरे, महापालिका नहीं, हमारा ‘म’ सच में महाराष्ट्र का है।” उद्धव ठाकरे ने बिना नाम लिए एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि, कल एक गद्दार ने कहा ‘जय गुजरात’, अरे, कितनी चापलूसी करोगे? ‘पुष्पा’ फिल्म में नायक दाढ़ी पर हाथ फेरकर कहता है “झुकेगा नहीं साला”, और ये कहता है “उठेगा नहीं साला” अब तो आंखें खोलो। अगर कोई तुम पर हाथ उठाए, तो हाथ चुपचाप मत रहने दो, जवाब जरूर दो।

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शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, “जब भाजपा कहती है कि उन्हें एक संविधान, एक निशान और एक प्रधानमंत्री चाहिए, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि एक निशान तिरंगा है, न कि भाजपा का झंडा, जो बर्तन साफ ​​करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कपड़े का एक टुकड़ा मात्र है।” उद्धव ठाकरे ने कहा कि, “वे हमसे हमेशा पूछते हैं कि हमने BMC में अपने शासन के दौरान मुंबई में मराठी लोगों के लिए क्या किया।

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UBT प्रमुख ने कहा कि, अब हम सवाल पूछ रहे हैं,आपके शासन के पिछले 11 वर्षों में, आपने क्या किया है? आपने मुंबई के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को गुजरात में धकेल दिया है। व्यवसाय गुजरात में स्थानांतरित हो रहे हैं। बड़े कार्यालय गुजरात जा रहे हैं। हीरा व्यवसाय पहले ही गुजरात में स्थानांतरित हो चुका है, आपने महाराष्ट्र की रीढ़ तोड़ने के लिए सभी प्रयास किए हैं और ऐसा करना जारी रखा है, और आप हमसे सवाल पूछ रहे हैं?”


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