विस अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर तय समय में निर्णय लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए: शरद पवार
विस अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर तय समय में निर्णय लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए: शरद पवार
मुंबई, 13 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को एक निश्चित समय सीमा के भीतर शिवसेना और राकांपा विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने का निर्देश देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि याचिकाओं पर निर्णय लेने में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से देरी की गई जिसकी वजह से राकांपा को शीर्ष अदालत का रुख करना पड़ा।
उच्चतम न्यायालय ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कई विधायकों की अयोग्यता की याचिका पर फैसला लेने में देरी के लिए शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष को लेकर सख्त रुख अपनाया और कहा था कि अध्यक्ष, शीर्ष अदालत के आदेशों को टाल नहीं सकते। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय अगले विधानसभा चुनाव से पहले लिया जाना चाहिए नहीं तो पूरी प्रक्रिया निरर्थक हो जाएगी।
उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बाद एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा, ”निर्देश दिया जाना चाहिए कि निर्णय एक तय समय-सीमा के भीतर लिया जाए और इसमें विलंब नहीं किया जा सकता है। यही रुख शिवसेना का भी है।”
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान राकांपा नेता सुप्रिया सुले और जितेंद्र आव्हाड मौजूद थे।
शिवसेना- (यूबीटी) और पवार के नेतृत्व वाला राकांपा गुट दोनों ही बागी विधायकों की अयोग्यता पर शीघ्र निर्णय चाहते हैं। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, जो स्पष्ट रूप से इस बात का संकेत है कि वह जानबूझकर शिवसेना के विभाजन पर निर्णय लेने में देरी कर रहे हैं। शिवसेना, डेढ़ साल पहले दो गुटों में विभाजित हो गई थी, जिसमें से एक गुट शिवसेना यूबीटी और दूसरा एकनाथ शिंद नीत शिवसेना गुट है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ”यह दूसरी बार है जब शीर्ष अदालत ने अध्यक्ष को संविधान के उल्लंघन को लेकर चेताया है।”
भाषा जितेंद्र पवनेश
पवनेश

Facebook



