निकाय चुनावों में वीवीपीएटी अनिवार्य नहीं, तकनीकी रूप से व्यावहारिक नहीं : ईसी ने अदालत से कहा

निकाय चुनावों में वीवीपीएटी अनिवार्य नहीं, तकनीकी रूप से व्यावहारिक नहीं : ईसी ने अदालत से कहा

निकाय चुनावों में वीवीपीएटी अनिवार्य नहीं, तकनीकी रूप से व्यावहारिक नहीं : ईसी ने अदालत से कहा
Modified Date: November 19, 2025 / 05:03 pm IST
Published Date: November 19, 2025 5:03 pm IST

नागपुर, 19 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने बुधवार को मुंबई उच्च न्यायालय को बताया कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए वीवीपीएटी मशीनों का उपयोग अनिवार्य नहीं है और यह तकनीकी रूप से भी व्यावहारिक नहीं है।

आयोग ने उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के समक्ष कांग्रेस नेता प्रफुल्ल गुडाधे द्वारा दायर याचिका का विरोध करते हुए एक हलफनामा दायर किया। याचिका में महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपीएटी का उपयोग नहीं करने के उसके फैसले को चुनौती दी गई थी।

गुडाधे ने अपनी याचिका में कहा कि पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) प्रणाली आवश्यक है।

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बुधवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अनिल किलोर की अध्यक्षता वाली पीठ ने वीवीपीएटी मशीनों का उपयोग न करने का कारण जानना चाहा, खासकर तब जब उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि वीवीपीएटी का उपयोग अनिवार्य है।

आयोग के वकील ने अदालत को बताया कि उच्चतम न्यायालय का फैसला केवल आम चुनावों पर लागू होता है, स्थानीय निकाय चुनावों पर नहीं।

उन्होंने बताया कि 2017 के नगर निगम चुनावों में भी वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया गया था।

आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि नगरपालिका चुनावों को नियंत्रित करने वाले स्थानीय निकाय अधिनियमों में वीवीपीएटी के उपयोग को अनिवार्य नहीं किया गया है।

इसमें कहा गया है कि वीवीपीएटी मशीन के डिजाइन और विनिर्माण की तकनीकी व्यवहार्यता के मुद्दे भी हैं, जिसका उपयोग बहु-सदस्यीय और बहु-पोस्ट ईवीएम के लिए किया जा सकता है।

हलफनामे में कहा गया है कि संसदीय और विधानसभा चुनाव एकल सदस्यीय, एकल पद वाले चुनाव होते हैं, जहां मतदाता द्वारा केवल एक उम्मीदवार चुना जाता है और चुनाव आयोग द्वारा उपयोग की जाने वाली ईवीएम विशेष रूप से इसी उद्देश्य के लिए डिजाइन की गई हैं।

इसमें कहा गया है कि ग्राम पंचायतें, नगर परिषदें और नगर निगम बहु-सदस्यीय, बहु-पद वाले निर्वाचन क्षेत्र हैं।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को तय की।

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों का पहला दौर दो दिसंबर को होगा।

अधिवक्ता पवन दहत और निहाल सिंह राठौड़ के माध्यम से दायर अपनी याचिका में गुडाधे ने कहा कि यदि एसईसी वीवीपीएटी का उपयोग नहीं करने जा रहा है, तो चुनाव मतपत्रों के माध्यम से कराए जाने चाहिए। वीवीपीएटी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रणाली है, जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की सुविधा देती है कि उनका वोट उनकी इच्छा के अनुसार ही डाला गया है।

भाषा प्रशांत माधव

माधव


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