मुंबई, 23 सितंबर (भाषा) शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता अनिल परब ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल होने वाले विधान परिषद के तीन सदस्यों के खिलाफ अयोग्यता याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।
परब ने कहा कि पार्टी ने 21 जुलाई को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) एवं ऊपरी सदन की उपाध्यक्ष नीलम गोरहे, मनीषा कायंदे और विप्लव बाजोरिया को अयोग्य ठहराने की याचिका दी थी।
उन्होंने शिंदे नीत शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए पार्टी द्वारा उच्चतम न्यायालय का रुख किए जाने के संदर्भ में शुक्रवार को कहा, ‘‘याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हमने इसके लिए याद भी दिलाया। अगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो हम उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे जैसा कि हमने निचले सदन (विधानसभा) के मामले में किया था।’’
परब ने कहा, ‘‘हमने उच्चतम न्यायालय जाने की पूरी तैयारी कर ली है।’’
शिवसेना (यूबीटी) ने विधान परिषद कार्यालय में याचिका सौंपी है जिसका अभी कोई अध्यक्ष नहीं है। गोरहे हालांकि कायंदे और बाजोरिया की याचिकाओं पर सुनवाई कर सकती हैं लेकिन शिवसेना (यूबीटी) की दलील है कि वह अध्यक्ष की गैर-मौजदूगी में अपने खिलाफ किसी याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकतीं।
परब और शिवसेना के अन्य विधान परिषद सदस्यों ने जुलाई में गोरहे को अयोग्य ठहराने की मांग की थी।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहले गोरहे का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने कोई पार्टी नहीं बदली है क्योंकि वह शिवसेना के टिकट और धनुष-बाण चुनाव चिह्न पर सदन में निर्वाचित हुईं और ये दोनों शिंदे नीत शिवसेना के पास हैं।
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गोला नेत्रपाल
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