न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर महिला को एक सप्ताह कारावास की सजा

न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर महिला को एक सप्ताह कारावास की सजा

न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर महिला को एक सप्ताह कारावास की सजा
Modified Date: April 23, 2025 / 03:44 pm IST
Published Date: April 23, 2025 3:44 pm IST

मुंबई, 23 अप्रैल (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने नवी मुंबई में एक आवासीय सोसाइटी के कुत्तों को खाना खिलाने वालों के पक्ष में दिए गए आदेश पर अदालत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक महिला को बुधवार को आपराधिक अवमानना ​​का दोषी ठहराया।

न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ ने कहा कि अदालत को ‘कुत्ता माफिया’ बताने जैसी टिप्पणी शिक्षित लोगों से अपेक्षित नहीं है।

अदालत ने विनीता श्रीनंदन को एक सप्ताह की साधारण कारावास की सजा सुनाई, साथ ही उस पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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उच्च न्यायालय ने आवासीय सोसाइटी की प्रबंध समिति की सदस्य विनीता की माफी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा, “हम मगरमच्छ के आंसू और ऐसे मामलों में अवमानना ​​करने वालों द्वारा आमतौर पर किए जाने वाले नियमित माफीनामे को स्वीकार नहीं करेंगे।”

पीठ ने हालांकि, विनीता के वकील के अनुरोध पर अपने आदेश पर रोक लगा दी और सजा को आठ दिनों के लिए निलंबित कर दिया, ताकि वह इसके खिलाफ अपील कर सके।

यह मामला सोसाइटी और वहां रहने वाली लीला वर्मा के बीच विवाद से जुड़ा है। लीला ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर सोसाइटी की प्रबंध समिति द्वारा उत्पीड़न किये जाने का आरोप लगाते हुए जनवरी में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

उच्च न्यायालय ने 21 जनवरी को कहा था कि अगर सोसाइटी को कुत्तों को खाना खिलाने या निर्दिष्ट क्षेत्रों को लेकर कोई शिकायत है तो उसे निवासियों को परेशान करने के बजाय नगर निगम से संपर्क करना चाहिए।

अदालत ने विशेष रूप से सोसाइटी को नगर निगम अधिकारियों को वैध कार्रवाई करने से रोकने से मना कर दिया तथा निर्दिष्ट स्थानों पर आवारा पशुओं को भोजन देने वाले निवासियों के साथ किसी भी तरह की गलत हरकत करने पर भी रोक लगा दी।

भाषा जितेंद्र सुरेश

सुरेश


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