मांदर की थाप पर करमा…तो ढोलक की धुन पर देवी जसगीत…आदिवासी नृत्य महोत्सव के मंच पर दिखी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक
CG Adivasi Nritya Mahotsav 2022 Photos CG National Tribal Dance Festival Photos
- छत्तीसगढ़ प्रथम पर्व हरेली के अवसर पर गेंड़ी नृत्य किया जाता है, यह नृत्य रामायण काल से भी अधिक पुराना है।
- लोक रागिनी मंच की ओर से रीलो गीत के साथ नृत्य की प्रस्तुति दी गई, इस नृत्य में गांव की देवी देवता को अपने गांव में आमंत्रित करने की प्रथा है
- मादर की थाप पर करमा का मनोहारी दृश्य उत्पन्न करने वाला लोक रागिनी मंच की ओर से शानदार प्रस्तुतिकरण
- यह ऐसा नृत्य है जिसकी चर्चा केवल छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में आज भी जानी और पहचानी जाती है।
- लोकगीतों की रानी ददरिया का सुंदर प्रस्तुतिकरण। ददरिया गीतों के माध्यम से प्रेमपूर्ण संदेशों को पहुँचाया जाता है।
- छत्तीसगढ़ की हरियाली हरेली पर आधारित नृत्य जिसमें किसान बहुत उम्मीद के साथ आषाढ़ के शुरुआत की बारिश को देखकर अपने खेतों में बीज रोपाई का काम शुरू करते हैं।
- छत्तीसगढ़ी लोक कला, लोक संस्कृति धार्मिक आस्थाओं से भी जुड़ी है। आदिवासी स्वंय को आदिशक्ति का धरोहर मानते हैं
- त्तीसगढ़ी गीतों के संगम जिसमें सुआ नृत्य, रिलो, रेला, राउत नाचा आदि अनेक गीत समहित है उसकी सुंदर प्रस्तुति की शुरुआत मां देवी सरस्वती की आराधना से की जा रही है।
- छत्तीसगढ़ी गीतों के संगम जिसमें सुआ नृत्य, रिलो, रेला, राउत नाचा आदि अनेक गीत समहित है उसकी सुंदर प्रस्तुति की शुरुआत मां देवी सरस्वती की आराधना से की जा रही है।
- सुदूर जंगल में आदिवासी ससांस्कृतिक छटा की, नृत्य के माध्यम से अद्भुत प्रस्तुति माँ दंतेश्वरी बूढ़ादेव की आराधना के साथ।
- छत्तीसगढ़ी संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत अपने इष्ट देव की आराधना से होती है। उसी प्रकार मां सरस्वती के वंदन के साथ लोक रागिनी मंच से नृत्य की शानदार प्रस्तुति।
- ढेमसा मध्य भारत-दक्षिणी ओडिशा के क्षेत्रों के आदिवासी लोगों का एक पारंपरिक लोक नृत्य है। जिसमें नर्तक एक दूसरे को कंधे और कमर पर पकड़कर और पारंपरिक वाद्ययंत्र की धुन पर नृत्य करके एक श्रृंखला बनाते हैं।
- मौसम के बदलते रंगों के साथ असमिया जनजीवन में घुलता है बागदोईशीखला नृत्य का रंग, बोड़ो जनजाति का नृत्य है इसके मायने हैं जल, वायु और स्त्री

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