बंगाल का प्रमुख त्योहार है दुर्गा पूजा इसलिए लोग बहुत ही धूमधाम से इसे मनाते हैं। बाबू बागान का पूजा पंडाल सिक्कों की थीम पर बना है।
इस पंडाल को बनाने में दो-तीन महीने लगे हैं और इसमें 30-40 लाख का खर्च आया है। पुराने इतिहास को दोहराने के लिए ये थीम चुनी गई है। साल 2021 में यूनेस्को (UNESCO)ने कोलकाता में दुर्गा पूजा को मान्यता दी और इससे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया।
सिक्कों पर दुर्गा मां की मूर्तियों बनी हैं। इसके अलावा, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद और अन्य जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिकृतियां सिक्कों पर मौजूद हैं।
इस पूजा पंडाल की थीम 'मां तुझे सलाम'के जरिए स्वतंत्रता सेनानियों और महान हस्तियों को दर्शाया गया है। इस पंडाल को पुराने सिक्कों से सजाया गया है।
Kolkata के बाबू बागान दुर्गा पूजा आयोजन समिति इस बार अपनी दुर्गा पूजा के 61वें साल में प्रवेश कर चुकी है। यहां पंडाल से लेकर दुर्गा प्रतिमा तक सब कुछ सिक्कों से सजाया गया है।बाबूबगान सरबजनीन दुर्गोत्सव पूजा पंडाल में इस साल की थीम 'मां तुझे सलाम' रखी गई है।
हजारों सिक्कों में कुछ असली हैं तो कई की प्रतिकृतियां हैं। मूर्ति को एक कॉइन म्यूजियम में रखा जाएगा।
पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। लिहाजा, हमने भी इसी थीम को अपनाया है। ये किला 75 फीट ऊंचा और 120 फीट चौड़ा है। 4 माह में तैयार इस किले में 3D लाइटिंग और लेजर शो भी होंगे।
The Theme of 'Maa Tujhe Salaam'