हिंदी सिनेमा के दिग्गज गायक और संगीतकार भूपेन हजारिका का आज जन्मदिन है। उन्होंने अपनी खूबसूरत आवाज से लंबे समय तक लाखों संगीत प्रेमियों के दिलों को जीता था।
भूपेनदा पहली बार लताजी से मिले तो उन्होंने कहा, ‘आपका (लताजी) का नाम बहुत बड़ा है.’ इस पर वे विनम्रता से बोलीं, ‘इतना भी नहीं जितना आप सोचते हैं।
अभिनेत्री कल्पना लाजमी के साथ भूपेन हजारिका की प्रेम कहानी भी बेहद खूबसूरत रही थी। भूपेन हजारिका के साथ अपनी प्रेम कहानी को कल्पना लाजमी ने उनकी बायोग्राफी ‘भूपेन हजारिका : एज आई नो हिम में विस्तार से जिक्र किया है।
हिंदी फ़िल्मों में उनका सफ़र ‘आरोप’ (1974) से शुरू होता है। इसी फ़िल्म के सेट पर उनकी मुलाक़ात पहली बार कल्पना लाज़मी से हुई।कल्पना की उम्र तब शायद 17 रही होगी।
भूपेन हजारिका के योगदान को हिंदी सिनेमा और संगीत के लिए हमेशा याद किया जाता रहा है। वह अपनी फिल्मों और संगीत के अलावा निजी जिदंगी की वजह से भी चर्चा में रहे थे।
भूपेन हज़ारिका की सबसे ज़्यादा चर्चित संगीतबद्ध फिल्म थी साल 1994 में आई ‘रुदाली’ । फिल्म के लगभग सभी गीत उस जमाने में काफी मशहूर हुए। ‘दिल हुम हुम करे’ उनके असमिया गीत ‘बुकु हुम हुम करे’ का हिंदी रूपांतरण था जिसमें बोल गुलज़ार के थे।
भूपेन हजारिका को कई अवार्ड मिले। जिनमें कुछ इस प्रकार हैं भारत रत्न, पद्मविभूषण, पद्म श्री, दादासाहब फाल्के, पद्मभूषण, संगीत नाटक अकादमी फ़ेलोशिप, असम रत्न, मुक्तिजोद्धा पदक आदि।
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भुपेन हजारिका के जीवन से बहुत कुछ सीखने मिलता हैं। एक जीवन में इतनी ख्याति देख ऐसा लगता हैं मानो कई लोग एक साथ एक ही जीवन जी रहे हो। अन्यथा ये कैसे संभव हैं कि किसी व्यक्ति को सभी सर्वोच अवार्ड्स मिले हो।