Vastu Tips for Water Resource: वास्तु के अनुसार की छत पर इस दिशा में रखें पानी की टंकी, हमेशा परिवार में बनी रहेंगी समृद्धि
Vastu Tips for Water Resource: वास्तु के अनुसार की छत पर इस दिशा में रखें पानी की टंकी, हमेशा परिवार में बनी रहेंगी समृद्धि
Vastu Tips for Water Resource
Vastu Tips for Water Resource : जल ही जीवन है.. ये न सिर्फ एक स्लोग्न है बल्कि मनुष्य के जीवन का मुख्य आधार और सुरक्षा कवच भी है। वास्तु शास्त्रों में कई ऐसे उपाय है, जिससे घर को तबाह होने और सकारात्मकता बनाए रखने की बातें बताई गई है। जल का सही प्रयोग से लेकर जल की निकासी दिशा में होनी चाहिए तथा किस दिशा में बोरिंग तथा जल का भण्डारण कहां होना चाहिए इन सभी बातों को ध्यान देना जरूरी हा, नहीं तो ये आपको घर और वहां रहने वाले लोगों पर असर डालता है।
Read more: Benefits of Bajra Roti: इस आटे की रोटी को बासी खाने से मजबूत होंगी हड्डियां, मिलेंगे और भी कई फायदे
ईशान कोण में होना चाहिए जल का स्त्रोत
वास्तुनुसार, जल का स्त्रोत ईशान कोण में होना चाहिए। ईशान के अतिरिक्त उत्तर दिशा, उत्तरी ईशान, पूर्व दिशा, पूर्वी ईशान में भी जल का स्त्रोत हो सकता है। नल कूप, बोरिंग, भूमिगत टैंक, हैंडपंप आदि का निर्माण सदैव ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में कराना चाहिए। जल स्त्रोत यदि सही दिशा अर्थात पूर्वी अथवा उत्तरी ईशान कोण में होता है, तो वंश वृद्धि, सुख-संपन्नता, यश-कीर्ति में वृद्धि करता है।
Read more: Sarkari Yojana: बेटी के पैदा होते ही यहां शुरू करें निवेश, 21 की उम्र में मिलेंगे 70 लाख रुपए, जानिए कैसे
घर की किस दिशा में रखें पानी की टंकी
वास्तु शास्त्र में पश्चिम दिशा और दक्षिण दिशा में जल का स्त्रोत अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए पानी की टंकी छत पर पश्चिम, पश्चिम नैऋत्य, दक्षिण नैऋत्य में स्थापित करनी चाहिए ताकि भवन का यह हिस्सा भारी होने के साथ-साथ ईशान और पूर्व से उंचा हो। जल का स्त्रोत कोई भी वास्तु सम्मत होने से घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
Read more: Gold-Silver Price Today : सस्ते हो गए सोने-चांदी के दाम, यहां देखें अपने शहर का ताजा रेट
इस दिशा में भूलकर न रखें छत की टंकी
छत पर रखी जाने वाली टंकी उत्तर, उत्तरी ईशान, ईशान, पूर्व, पूर्वी ईशान में नहीं रखनी चाहिए क्योंकि इससे वह कोना भारी हो जाता है जबकि भवन का यह कोना लक्ष्मी प्राप्ति के लिए तथा सुख-सुविधा वृद्धि के लिए हल्का होना चाहिए। जल के बहाव एवं निकासी पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए, अशुद्ध जल का निकास पश्चिम में हो तो घर का वातावरण ठीक रहता है।
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

Facebook



