Anant Chaturdashi 2025 Shubh Muhurt: आज मनाया जाएगा अनंत चतुर्दशी.. जानें व्रत की विधि, महत्व और पूजन का शुभ मुहूर्त
भले ही यह व्रत विष्णु भगवान को समर्पित है लेकिन महाराष्ट्र व पश्चिम भारत में इसे गणेश विसर्जन दिवस के रूप में विशेष पहचान मिली है। दस दिन के गणेशोत्सव का अंतिम दिन इसी दिन होता है जब श्रद्धालु “गणपति बप्पा मोरिया” के जयघोष के साथ गणेश प्रतिमा को विसर्जित करते हैं।
Anant Chaturdashi 2025 Shubh Muhurt || Image- IBC24 News File
- 11 सितंबर को मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी
- विष्णु भगवान को समर्पित पावन व्रत
- अनंत सूत्र बांधने से संकट होंगे दूर
Anant Chaturdashi 2025 Shubh Muhurt: रायपुर: गणेश चतुर्थी के विसर्जन के साथ ही आज देशभर में अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और शुभ पर्व है, जिसे भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की आराधना के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला अनंत चतुर्दशी एक ऐसा ही पावन दिन है। इसे भगवान विष्णु की अनंत स्वरूप की उपासना से जोड़ा जाता है। महाराष्ट्र, गुजरात व उत्तर भारत में इस दिन गणेश विसर्जन भी बड़ी धूमधाम से किया जाता है।
इस साल अनंत चतुर्दशी आज 6 सितम्बर 2025 गुरुवार को मनाई जाएगी। यह दिन भक्तों को यह संदेश देता है कि भगवान की शरण में जाने से जीवन के अनंत दुख दूर होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
अनंत चतुर्दशी 2025 तिथि और व्रत समय
तिथि: 06 सितम्बर 2025
पारायण / पूजा का समय: प्रातःकाल से मध्यान्ह तक (क्षेत्र अनुसार पंचांग देखें)
व्रत अवधि: एक दिन का (सुबह संकल्प से लेकर पूजा और सूत्र बाँधने तक)
अनंत चतुर्दशी पूजा विधि
Anant Chaturdashi 2025 Shubh Muhurt: प्रातःकाल स्नान कर पवित्र व्रत संकल्प लें।
घर या मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
विष्णु सहस्रनाम, अनंत स्तोत्र या गीता के श्लोकों का पाठ करें।
भगवान को पीले फूल, फल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें।
एक अनंत सूत्र (लाल/पीले धागे पर 14 गाँठ बांधकर) पूजन कर हाथ या गले में बांधा जाता है।
इस दौरान विष्णु भगवान के अनंत रूप का ध्यान करते हुए उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
व्रतधारी दिनभर सात्विक भोजन करते हैं और कथा सुनते हैं।
संध्या के समय सामूहिक पूजा, आरती और प्रसाद वितरण की परंपरा है।
अनंत चतुर्दशी व्रत कथा
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, एक बार युधिष्ठिर से श्रीकृष्ण ने कहा कि यदि वे जीवन में स्थिरता और सुख चाहते हैं, तो “अनंत व्रत” करें। श्रीकृष्ण ने यह भी बताया कि इस व्रत में “अनंत सूत्र” बांधने से जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं।
कथा के अनुसार, एक ब्राह्मण दंपत्ति ने इस व्रत को श्रद्धापूर्वक किया। पत्नी ने अपने पति की भलाई के लिए अनंत सूत्र बाँधा जिससे उनके जीवन के कष्ट दूर हो गए। इसी वजह से इस व्रत में अनंत सूत्र बाँधने की परंपरा आज भी जारी है।
अनंत चतुर्दशी का महत्व
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
जीवन में स्थिरता, सुख और समृद्धि आती है।
कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।
लंबी आयु और परिवार की रक्षा का वरदान प्राप्त होता है।
सांस्कृतिक रूप से: महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन भी इसी दिन होता है। अतः यह पर्व सामाजिक-धार्मिक उत्सव का रूप ले लेता है।
अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन
Anant Chaturdashi 2025 Shubh Muhurt: भले ही यह व्रत विष्णु भगवान को समर्पित है लेकिन महाराष्ट्र व पश्चिम भारत में इसे गणेश विसर्जन दिवस के रूप में विशेष पहचान मिली है। दस दिन के गणेशोत्सव का अंतिम दिन इसी दिन होता है जब श्रद्धालु “गणपति बप्पा मोरिया” के जयघोष के साथ गणेश प्रतिमा को विसर्जित करते हैं।
अनंत चतुर्दशी व्रत के लाभ
जीवन में संपन्नता और उन्नति आती है।
पारिवारिक कलह और आर्थिक संकट दूर होते हैं।
कार्यों में सफलता और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
धर्म की ओर झुकाव और आध्यात्मिक शक्ति की सिद्धि होती है।
2025 में अनंत चतुर्दशी कैसे करें
अपने शहर के पंचांग अनुसार शुभ मुहूर्त में व्रत रखें।
अनंत सूत्र घर के सभी सदस्यों को बांधें।
व्रत कथा अवश्य पढ़ें/सुनें।
संभव हो तो सामूहिक पूजा और भजन-कीर्तन में भाग लें।
सादगी और संयम के साथ यह दिन व्यतीत करें।

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