hanuman ji blessing will shower on people in saturday

विनय पत्रिका की इन स्तुतियों से प्रसन्न होते हैं बजरंग बली, हर लेते हैं सभी कष्ट

hanuman ji blessing : भगवान श्री राम के परम भक्त और अंजनी पुत्र हनुमान जी अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं। हनुमान चालीसा से लेकर विनय

Edited By :   Modified Date:  June 2, 2023 / 07:45 PM IST, Published Date : June 2, 2023/7:45 pm IST

नई दिल्ली : hanuman ji blessing : भगवान श्री राम के परम भक्त और अंजनी पुत्र हनुमान जी अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं। हनुमान चालीसा से लेकर विनय पत्रिका में दी गई स्तुति के पाठ से हनुमान जी काफी प्रसन्न होते है। इतना ही नहीं हनुमान चालीसा और अन्य पाठों का पाठ करने से हनुमान जी अपने भक्तों के सभी कष्ट हारते हैं और उनका आशीर्वाद सभी पर हमेशा बना रहता है।

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hanuman ji blessing :  विनय पत्रिका में तुलसीदास जी भगवान हनुमान की स्तूति करते हुए लिखते हैं कि हे मंगल के गृह तथा संसार का भार हरने वाले हनुमान जी, आपकी जय हो। आपके शरीर का आकार वानर की तरह है, पर हो आप साक्षात विश्व-स्वरूप। आप श्रीराम जी के क्रोध रूपी अग् निकी ज्वालमाला के बहाने निशाचर-रूपी पतंगों का संहार करने वाले हो। आपकी जय हो. आप एकादश रुद्र में अग्रणी, समस्त संसार की विद्या में अग्रगण्य तथा संसार-प्रसिद्ध योद्धाओं के चक्रवर्ती राजा हो. आप सामवेद का गान करने वालों में अग्रणी हो।

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पद

hanuman ji blessing : जयति मंगलागार संसार-भारापहर, बानराकार विग्रह पुरारी।
राम रोषानल-ज्वालमाला-मिष ध्यांतचर-सलभ-संहारकारी॥

जयति मरुदंजनामोद-मंदिर, नतग्रीव सुग्रीव-दुःखैक-बंधो।
जातुधानोद्धत-क्रुद्ध-कालाग्निहर, सिद्ध-सुर-सजनानंद-सिंधो॥

जयति रुद्राग्रनी, विख-विद्याननी, विस्व विख्यात-भट चक्रवर्ती।
सामगाताग्रनी कामजेतामनी, रामहित, ससानुबई॥

जयति संग्राम-जय, रामसंदेसहर, कौसला-कुसल-कल्यानभाषी।
राम-विरहाक-संतप्त-भरतादि, नरनारि शीतल करन कल्पसाषी॥

जयति सिंहासनासीन सीतारमन, निरखि निर्भर हरष नृत्यकारी।
राम संभ्राज सोभा-सहित सर्वदा तुलसिमानस रामपुर-बिहारी॥

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व्याख्या

hanuman ji blessing : हे मंगल के गृह तथा संसार का भार हरने वाले हनुमान जी, आपकी जय हो। आपके शरीर का आकार वानर की तरह है, पर हो आप साक्षात विश्व-स्वरूप। आप श्रीराम जी के क्रोध रूपी अग् निकी ज्वालमाला के बहाने निशाचर-रूपी पतंगों का संहार करने वाले हो।

हे पवन और अंजनीके आमोद-मन्दिर. आपकी जय हो। नीची गर्दन किये हुए सुग्रीव के दुःख के आप अद्वितीय साथी थे ।आप उद्धत राक्षसों के क्रुद्ध कालाग्निका नाश करने वाले तथा सिद्धों, देवताओं और सजनों के लिए आनन्द के सभद्र हो।

आपकी जय हो. आप एकादश रुद्र में अग्रणी, समस्त संसार की विद्या में अग्रगण्य तथा संसार-प्रसिद्ध योद्धाओं के चक्रवर्ती राजा हो ।आप सामवेद का गान करने वालों में अग्रणी हो। कामदेव को जीतने वालों में सबसे पहले गिने जाने योग्य हो। आप श्रीरामजी के हितकारी और रामभक्तों के रक्षा करने वाले हो।

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आपकी जय हो. आप समर में विजय-लाभ करने वाले, श्रीरामजी का सन्देशा ले जाने वाले, अयोध्या की कुशल और कल्याण कहने वाले हो। आप रामचन्द्र के विरह-रूपी सूर्य से सन्तप्त भरत आदि स्त्री-पुरुषों को शीतल करने के लिए कल्पवृक्ष हो।

hanuman ji blessing : हे राज्य सिंहासन पर सुशोभित जानकी नाथ श्रीराम जी को देखकर अत्यन्त हर्ष के साथ नृत्य करने वाले। आपकी जय हो. हे राम की पुरी अयोध्या में बिहार करने वाले हनुमान जी। आप रामचन्द्र की शोभा के सहित इस तुलसीदास के अन्तःकरण में सदा विराजमान रहो।

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