Countdown of solar eclipse starts.. Know when will the Sutak

सूर्यग्रहण का काउंटडाउन शुरू.. जानें कहां-कब लगेगा सूतक, ये काम करना पड़ सकता है भारी

सूर्यग्रहण का काउंटडाउन शुरू.. जानें कहां-कब लगेगा सूतक : Countdown of solar eclipse starts.. Know when will the Sutak

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:40 PM IST, Published Date : April 29, 2022/7:46 pm IST

Countdown of solar eclipse : सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना तो है ही, साथ ही साथ ज्‍योतिष में भी इसका विशेष महत्‍व होता है। ज्‍योतिष की मान्‍यताओं में ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल यानि कल लगने वाला है। ग्रहण के दौरान सूर्य की बिम्ब का 64 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा से अवरुद्ध हो जाएगा।

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Countdown of solar eclipse साल का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 30 अप्रैल की मध्यरात्रि यानि रात 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा। ये सूर्य ग्रहण 1 मई को सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। ग्रहण की अवधि करीब 4 घंटे रहेगी। ये ग्रहण आंशिक होगा। यानी चंद्रमा सूर्य के प्रकाश के केवल एक अंश को ही बाधित करेगा।

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ग्रहण का सूतक काल
धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार, ग्रहण के आरंभ होने से ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है। इस दौरान पूजापाठ के कार्यों की मनाही होती है और खाने-पीने पर भी कुछ रोक होती है। लेकिन 30 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्‍य नहीं होगा। ऐसा माना जाता है कि सूतक केवल उन्‍हीं स्‍थानों के लिए माना जाता है, जहां ग्रहण दिखाई देता है। फिर भी जो लोग विदेश में रह रहे हैं और सूतक को मानते हैं तो उनके लिए बता दें कि ग्रहण से ठीक 12 घंटे पहले सूतक लग जाएगा और जो कि ग्रहण समाप्‍त होने तक रहता है।

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कहां कहां दिखेगा यह ग्रहण
साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। यह दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और अटलांटिक क्षेत्र में नजर आएगा। इन स्‍थानों पर रहने वाले लोगों के लिए सूतक काल मान्‍य होगा।

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आंशिक सूर्य ग्रहण क्या है
नासा के अनुसार, सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और पृथ्वी पर छाया डालता है. इस अवस्था में वो सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है. आंशिक ग्रहण के दौरान, चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है. इसकी वजह से सूर्य अर्धचंद्राकार आकार में नजर आता है. आंशिक ग्रहण होने की वजह से चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक पूर्ण सीधी रेखा में नहीं होंगे. चन्द्रमा अपनी छाया का केवल बाहरी भाग ही सूर्य पर डालेगा, इसे उपछाया भी कहा जाता है.