भगवान भी नही बचा सके नौकरी, तिरुपति बालाजी मंदिर से 1300 कर्मचारियों की सेवा समाप्त

भगवान भी नही बचा सके नौकरी, तिरुपति बालाजी मंदिर से 1300 कर्मचारियों की सेवा समाप्त

भगवान भी नही बचा सके नौकरी, तिरुपति बालाजी मंदिर से 1300 कर्मचारियों की सेवा समाप्त
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: May 3, 2020 11:22 am IST

तिरूपति। कोरोना संकट और लॉकडाउन से देश का सबसे अमीर मंदिर भी नही बच सका। आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में कार्यरत 1300 कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया है, हालाकि इन कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट 30 अप्रैल को खत्म हो गया और मंदिर प्रशासन ने 1 मई से कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने से मना कर दिया।

ये भी पढ़ें: श्रीराम ने ली थी सरयू में जल समाधि, अयोध्या के वैभव का प्रतीक है ये नदी

तिरुपति बालाजी मंदिर प्रबंधन ने कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे 1300 कर्मचारियों को 1 मई से काम पर आने से मना कर दिया। मंदिर प्रशासन ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से काम बंद है, इसलिए अब इन कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट आगे नहीं बढ़ा सकते हैं।

 ⁠

ये भी पढ़ें: रामायण ने फिर तोड़ा रिकॉर्ड, टीआरपी में गेम ऑफ थ्रोन्स को भी पीछे छ…

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट की तरफ से तीन गेस्टहाउस चलाए जाते हैं, जिनके नाम विष्णु निवासम, श्रीनिवासम और माधवम है। निकाले गए सभी 1300 कर्मचारी इन्हीं गेस्ट हाउसों में कई वर्षों से काम करते थे। लॉकडाउन की वजह से सभी गेस्टहाउस बंद हैं, जिस वजह से इन कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट नहीं बढ़ाया गया।

ये भी पढ़ें: भक्तों के लिए तीर्थ है खजराना का गणेश मंदिर, होलकर राजघराने ने की…

ट्रस्ट के प्रवक्ता के अनुसार सभी फैसले कानून के मुताबिक लिए गए हैं, काम बंद होने की वजह से कर्मचारियों को निकालने का फैसला लेना पड़ा है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वजह से तिरुपति बालाजी मंदिर 20 मार्च से बंद है, लेकिन मंदिर में दैनिक अनुष्ठान पुजारियों द्वारा किए जा रहे हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com