New Year First Ekadashi 2023: साल की पहली एकादशी के दिन करें ये उपाय, चमक उठेगा भाग्य का सितारा

New Year First Ekadashi 2023: माना जाता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से निसंतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान का भविष्य उज्जवल बनता है और वे जीवन में खूब तरक्की पाते हैं।

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  • Publish Date - December 28, 2022 / 10:53 PM IST,
    Updated On - December 28, 2022 / 10:53 PM IST

नई दिल्ली। Paush Ekadashi 2023: नए साल की शुरुआत होने में कुछ ही दिन रह गए है। हिंदू धर्म में दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को एकादशी व्रत रखा जाता है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी नए साल 2023 में पड़ने जा रहे हैं। पौष एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार साल के दूसरे दिन यानी 2 जनवरी 2023 के दिन एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

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साल में दो बार मनाया जाता है पुत्रदा एकदाशी

बता दें कि साल में दो बार पुत्रदा एकदाशी का व्रत रखा जाता है। एक एकादशी श्रावण मास में आती है और एक पौष माह में। इन दोनों की एकादशी का समान महत्व है। माना जाता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से निसंतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान का भविष्य उज्जवल बनता है और वे जीवन में खूब तरक्की पाते हैं। इस दिन व्रत रखने से हजारों साल तपस्या के बराबर फल की प्राप्ति होती है। इस दिन कुछ उपाय संतान को हर क्षेत्र में सफलता दिलाते हैं।

पौष पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त 2023

पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ इस बार 1 जनवरी 2023 रविवार शाम 07 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा और 02 जनवरी सोमवार रात 08 बजकर 23 मिनट तक है। ऐसे में 2 जनवरी के दिन एकादशी का व्रत रखा जाएगा। बता दें कि पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण 03 जनवरी, मंलवार सुबह 07 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 19 मिनट तक है।

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पौष एकादशी के दिन करें ये उपाय

संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले भक्तों को पुत्रदा एकादशी के दिन पीले ताजे फूलों की माला बनाकर भगवान विष्णु को अर्पित करनी चाहिए। इसके साथ ही, भगवान को चंदन घिसकर लगाने से लाभ होता है।

अगर आप किसी काम में संतान का सहयोग पाना चाहते हैं, तो पुत्रदा एकादशी के दिन स्नान के बाद श्री विष्णु भगवान को प्रणाम करें। इसके बाद वहां आसन बैठाकर बैठ जाएं। इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करें।

अगर आप चाहते हैं कि आपकी संतान को करियर में कामयाबी मिले तो पुत्रदा एकादशी के दिन बच्चे के मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं। साथ ही, किसी जरूरतमंदों को पीले रंग का कपड़ा दान में दें।

इस दिन रात में चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की फोटो रखें और उसके सामने देसी घी का दीपक जलाएं। इसके बाद ‘ॐ गोविन्दाय गोपालाय यशोदा सुताय स्वाहा इस मंत्र का पांच माला जाप करें।

पुत्रदा एकदाशी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें। इस दौरान विद्या यंत्र की स्थापना करें. इसके बाद इस यंत्र को बच्चों के स्टडी रूम में रख दें और बाद में इसका ताबीज बनाकर बच्चों के गले में पहना दें।

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