Guru Chandal Yoga : हिंदू धर्म में मान्यता है कि जब भी कोई एक ग्रहण दूसरी राशि में जाता है। तो इसे उस ग्रह का गोचर कहा जाता है। सभी ग्रह एक निश्चित समय अंतराल पर एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। ग्रहों के गोचर से अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग तरह का प्रभाव देखने को मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार अप्रैल महीने में गुरु और राहु की युति बनने वाली है। वर्तमान समय में राहु मेष राशि में है, 22 अप्रैल को गुरु भी मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में आ जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र में गुरु और राहु की युति को गुरु चांडाल योग कहा गया है।
वैदिक ज्योतिष और हिंदू धर्म में गुरु ग्रह को शुभ और राहु ग्रह को अशुभ ग्रह माना गया है। ऐसे में यह दोनों ग्रहों के एक ही राशि में आ जाने से इसका अशुभ प्रभाव माना जाता है। इस योग का लगभग सभी राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गुरु चांडाल योग से लोगों के मन में नकारात्मक भावनाएं आने लगती हैं। दुनिया भर की अर्थव्यवस्था में मंदी भी देखने को मिलती है। समाज व परिवार में अलगाव की भावना उत्पन्न होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अभी जिन जातकों की जन्म कुंडली में गुरु या राहु नकारात्मक प्रभाव दे रहे हैं। ये योग उन सभी के लिए अशुभ होगा। ऐसे लोगों को भविष्य में बहुत संभल कर रहने की आवश्यकता है। ऐसे लोगों के अनावश्यक खर्चे बढ़ सकते हैं। आय के स्तोत्र कम हो सकते हैं। इसके अलावा ऐसे लोगों को मानसिक परेशानियां भी आ सकती हैं।
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