Aaj Ka Panchang 29 October 2025: कार्तिक शुक्ल अष्टमी आज… खुल सकते हैं भाग्य के नए द्वार! जानिए शुभ कार्यों के लिए सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त
आज 29 अक्टूबर की सुबह जैसे ही अष्टमी आरंभ होगी, ग्रहों की चाल में कुछ ऐसा बदलेगा… जो आने वाले दिनों की किस्मत लिख देगा। आइये जानते हैं आज का पूरा पंचांग विवरण।
Aaj ka Panchang 29 October 2025 / Image Source: IBC24
- आज कार्तिक शुक्अष्टमी तिथि का शुभ संयोग, पूजा-पाठ के लिए उत्तम दिन।
- चंद्रमा मकर राशि में, जिससे कर्म और अनुशासन के संकेत मिलते हैं।
- राहुकाल दोपहर 12 से 1:30 तक, इस दौरान कोई नया कार्य न करें।
Aaj Ka Panchang 29 October 2025: आज 29 October 2025, बुधवार का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि आज मनाई जा रही है। सुबह 9 बजकर 23 मिनट तक सप्तमी तिथि रहेगी, उसके बाद अष्टमी तिथि का आरंभ होगा। ये तिथि पूजा-पाठ और व्रत रखने के लिए शुभ मानी जाती है। चलिए जानते हैं, आज के दिन ग्रहों की चाल, राहुकाल, शुभ-अशुभ मुहूर्त और चंद्रमा की स्थिति कैसी रहेगी। आज का दिन धार्मिक ऊर्जा से भरा हुआ है। सुबह 9:23 के बाद अष्टमी तिथि आरंभ हो रही है, जिसे शुभता और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। चंद्रमा आज मकर राशि में रहेगा, जिससे कर्म और संयम की भावना प्रबल होगी। सूर्य दक्षिणायन में हैं और दिन के मध्य में राहुकाल से बचना आवश्यक है। जो लोग पूजा, व्रत या दान-पुण्य का कार्य करना चाहते हैं, उनके लिए सुबह का समय सबसे शुभ रहेगा।
सूर्योदय और सूर्यास्त
- सूर्योदय – सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर
- सूर्यास्त – शाम 5 बजकर 38 मिनट पर
आज के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त : 4:48 से 5:39 बजे तक (पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ समय)
- विजय मुहूर्त : दोपहर 1:56 से 2:40 बजे तक (सफलता प्राप्ति के लिए शुभ)
- निशीथ काल : रात 11:39 से 12:31 बजे तक
- गोधूलि बेला : शाम 5:38 से 6:04 बजे तक
आज के अशुभ मुहूर्त
- राहुकाल : दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक (नए कार्य शुरू करने से बचें)
- गुलिक काल : सुबह 10:30 से 12:00 बजे तक
- यमगंड : सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक
- अमृत काल : सुबह 7:54 से 9:18 बजे तक
- दुर्मुहूर्त : 11:42 से 12:27 बजे तक
- भद्राकाल : सुबह 9:23 से 9:50 बजे तक
पंचांग का पूरा विवरण
- राष्ट्रिय मिति: कार्तिक 07, शक सम्वत 1947
- विक्रम संवत: 2082
- दिन: बुधवार
- सौर मास: कार्तिक प्रविष्टे 12
- हिजरी वर्ष: 1447, जमादि उल्लावल 06
- अंग्रेजी तिथि: 29 अक्टूबर 2025
- सूर्य की स्थिति: दक्षिणायन, दक्षिण गोलार्ध, हेमंत ऋतु
आज के व्रत और त्यौहार
आज जैन समाज का उचय अष्टान्हिक व्रतारंभ है। ये व्रत आध्यात्मिक शुद्धि और तपस्या के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
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