Navratri Kalaratri Pooja: कालरात्रि की पूजा से मिलती हैं पाप से मुक्ति.. क्या आप भी हैं बुरी आत्माओं से परेशान? करें ये आसान उपाय
Maa kalratri ki puja kaise karen
Maa kalratri ki puja kaise karen: रायपुर: नवरात्रि के सातवें दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति से मां कालरात्रि की आराधना की जाती है। यह मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है। मां कालरात्रि की पूजा से नकारात्मक प्रभाव बेअसर होते हैं, यही नहीं इनकी पूजा से भय का भी नाश होता है। इस वर्ष रविवार, 15 अप्रैल को मां कालरात्रि की पूजा की जा रही है। मान्यता है कि मां कालरात्रि की उपासना से शत्रु और विरोधी दोनों नियंत्रित होते हैं। मां की पूजा को शत्रुओं पर विजय पाने के लिए काफी शुभ माना गया है।
शास्त्रों के अनुसार काला रंग होने के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा गया। वहीं इनकी पूजा शुभ फलदायी होने के कारण इन्हें “शुभंकारी” भी कहा गया है। आइए जानते हैं मां कालरात्रि की पूजा विधि और मंत्र के बारे में…
ऐसा है मां का स्वरूप
Maa kalratri ki puja kaise karen: माता कालरात्रि तीन नेत्रों वाली माता है। इनका रंग काला है और ये अपने विशाल बालों को फैलाए हुए हैं। इनकी चार भुजाएं हैं और सिंह के कंधे पर सवार मां कालरात्रि का विकराल रूप अद्भुत हैं। मां कालरात्रि की सवारी गधा है जो देवी कालरात्रि को लेकर इस संसार से बुराई का सर्वनाश कर रहा है। देवी कालरात्रि अपने हाथ में चक्र, गदा, तलवार,धनुष,पाश और तर्जनी मुद्रा धारण किए हुए हैं। वहीं माता माथे पर चन्द्रमा का मुकुट धारण किए हुए हैं।
Kalaratri Ka Mantra
इस मंत्र का करें जाप
मंत्रएकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
Kalaratri Pooja Vidhi
पूजा विधि
- मां कालरात्रि के पूजन के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठें स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें।
- मां की आराधना करें।
- मां को रोली,अक्षत,दीप,धूप अर्पित करें।
- मां को रातरानी का फूल और गुड़ अर्पित करें।
- इसके बाद दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- मां कालरात्रि की आरती करें।

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