Mahashivratri Special 2025 : कण कण में भोले वास तेरा… जानिए देश-विदेश में कहां-कहां और किस रूप में विराजमान हैं भोलेनाथ

कण कण में भोले वास तेरा… Mahashivratri Special 2025: Bhole resides in every particle of yours… Know where and in what form Bholenath

Mahashivratri Special 2025 : कण कण में भोले वास तेरा… जानिए देश-विदेश में कहां-कहां और किस रूप में विराजमान हैं भोलेनाथ

Mahashivratri Special 2025 | Image Source | IBC24

Modified Date: February 26, 2025 / 06:59 am IST
Published Date: February 26, 2025 6:59 am IST
HIGHLIGHTS
  • महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित सबसे बड़ा पवित्र हिंदू त्योहार
  • महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का पर्व
  • भारत में 12 ज्योतिर्लिंग जिनमें सोमनाथ, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, काशी विश्वनाथ, रामेश्वरम, और नागेश्वर प्रमुख

Mahashivratri Special 2025 : महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित सबसे बड़ा पवित्र हिंदू त्योहार है, जिसे पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं और रात्रि जागरण करते हैं। भारत ही नहीं, विदेशों में भी कई प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं, जिनका गहरा आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व है।

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नीलकंठ महादेव मंदिर

Mahashivratri Special 2025 : हरिद्वार से शिवालिक पहाड़ियों की रेंज शुरू होती है, लेकिन असली चढ़ाई ऋषिकेश से प्रारंभ होती है। ऋषिकेश से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले विष का पान करने के बाद भगवान शिव यहीं आकर ठहरे थे। इस स्थान पर स्थित यह मंदिर 5500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और मधुमती तथा पंकजा नदियों के संगम पर बना हुआ है।

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यात्रा और विशेषताएँ

  • पहले ऋषिकेश से यहाँ पहुँचने का मार्ग केवल पैदल था, जो कठिन चढ़ाई वाला था। अब सड़क मार्ग से भी यहाँ पहुँचा जा सकता है।
  • यह मंदिर महा-निर्वाणी पंचायती अखाड़े की देखरेख में आता है।
  • यहाँ प्रसाद के रूप में भभूत (राख) दी जाती है, जिसे भक्त पवित्र मानते हैं।
  • सावन माह की तेरस को कांवड़ियों की भीड़ मंदिर में विशेष रूप से उमड़ती है।

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रामेश्वरम मंदिर

Mahashivratri Special 2025 : तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित रामेश्वरम मंदिर एक महत्वपूर्ण शिव मंदिर है, जिसे बंगाल की खाड़ी के टापू पर बनाया गया है। इसे भारत की मुख्यभूमि से जोड़ने के लिए एक पुल का निर्माण किया गया है। मान्यता है कि लंका पर आक्रमण से पूर्व भगवान राम ने यहाँ बालू से शिवलिंग बनाकर स्थापित किया था और रावण ने इसकी प्राण-प्रतिष्ठा की थी।

मंदिर की भव्यता

  • यह द्रविड़ शैली में बना विशाल मंदिर लगभग 15 एकड़ में फैला हुआ है।
  • इसका गलियारा उत्तर से दक्षिण 197 मीटर और पूर्व से पश्चिम 133 मीटर लंबा है।
  • मुख्य गोपुरम की ऊँचाई 38.4 मीटर है।
  • यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यहाँ पर दर्शन हेतु हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष आते हैं।

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प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग और शिव मंदिर

सोमनाथ (गुजरात) – सौराष्ट्र में अरब सागर के तट पर स्थित।

महाकालेश्वर (उज्जैन) – मध्य प्रदेश में कालों के काल शिव की नगरी।

कैलाश मानसरोवर (तिब्बत) – भगवान शिव का पवित्र धाम, जहाँ जाने के लिए भारत और चीन की सरकारें साझा यात्रा कार्यक्रम तय करती हैं।

विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी) – काशी में स्थित प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग।

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शिव तत्व: आध्यात्मिक दृष्टिकोण

Mahashivratri Special 2025 : शिव को आदि देव कहा जाता है। भारत की संस्कृति में शिव के बिना किसी भी देवता की कल्पना अधूरी है। शैव और वैष्णव परंपराओं में शिव का विशेष स्थान है। वैष्णव परंपरा में उन्हें संहारकर्ता कहा गया है, लेकिन वास्तव में वे एकमात्र ब्रह्म तत्व हैं। शिव अद्वैत सिद्धांत का समर्थन करते हैं और समस्त चराचर जगत में एक ही आत्मा का दर्शन करते हैं। यही कारण है कि वाराणसी में एक चांडाल आदि शंकराचार्य से कहता है – “जो आत्मा तुझमें है, वही मुझमें। फिर यह भेदभाव क्यों?”


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।