Sawan Somwar 2025 Date/ Image Credit: IBC24 File
नई दिल्ली। Mahesh Navami 2025: हिंदू धर्म में हर साल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की नवमी को महेश नवमी मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। शेष रूप से माहेश्वरी समाज द्वारा भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से महादेव की कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बनी रहती है। ऐसे में इस महेश नवमी का पर्व बुधवार, 4 जून 2025 को मनाया जाएगा। तो चलिए जानते हैं इसकी पूजा विधि और इसका महत्व।
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 3 जून को रात 9 बजकर 56 मिनट पर शुरू हो रही है जिसका समापन 4 जून को रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, महेश नवमी आज बुधवार, 4 जून के दिन मनाई जाएगी।
महेश नवमी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
इसके साथ ही घर के मंदिर या पूजा स्थल को स्वच्छ करें और गंगा जल छिड़कें।
एक चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां स्थापित करें।
शिवलिंग का अभिषेक करें और बेलपत्र, फूल, गंगा जल, धूप, दीप और भोग अर्पित करें और ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ पार्वतीपतये नमः’ जैसे मंत्रों का जाप करें।
आरती करके व्रत का पारण करें।
मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, साथ ही पापों का नाश होता है। इसके साथ ही माना जाता है कि, इस दिन माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी। क्योंकि इसी दिन उनके पूर्वजों को भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया था। जिस वजह से यह दिन बहुत की खास माना जाता है।