धर्म। सूर्य धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करने के कारण ही इस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है. वैसे तो प्रत्येक माह संक्रांति होती है किंतु हिंदू धर्मशास्त्र में सूर्य के शनि की राशि मकर में प्रवेश को विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य और शनि पिता-पुत्र होते हुए भी शत्रुवत माने जाते हैं। शनि की राशि में सूर्य के प्रवेश से प्रकृति में जो बदलाव होते हैं वे अनिष्टकारी न हो इस उद्देश्य से सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के काल में ही पवित्र नदियों में स्नान, दान और पूजन को विशेष महत्व माना गया है. इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. साथ ही इस पर्व के साथ ही करीब एक महीने से जारी खरमास समाप्त होता है और रूके हुए सभी शुभ कार्य एक बार फिर से शुरू हो जाते हैं. मकर संक्रांति इस साल 14 जनवरी को पड़ रहा है किंतु संक्रांति का पूर्ण स्नान एवं दान का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा क्योंकि सूर्योदय के समय सूर्य की पूजा का विधान है और उदय तिथि के अनुसार 15 जनवरी को सक्रांति की पूजा होगी। शनिवार को मनाये जाने के कारण ये मकर संक्रांति विशेष फलकारी है।
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14 जनवरी का मुहूर्त
मकर संक्रांति का क्षण या सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी, 2022 को दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर
मकर संक्रांति का पुण्य काल दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 45 मिनट तक
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से शाम 04 बजकर 28 मिनट तक.
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पूजा समय
धार्मिक मान्यता के अनुसार, संक्रांति का पुण्य काल 6 घंटे पूर्व से लेकर 6 घंटे बाद तक मान्य होता है. सूर्याेदय के बाद से प्रारंभ, 15 जनवरी को ब्रह्म योग दोपहर 02 बजकर 34 मिनट तक है. उसके बाद से इंद्र योग लग जाएगा. ब्रह्म योग को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जता है. इस दिन रवि योग रात में 11 बजकर 21 मिनट से शुरु हो रहा है. इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक है.
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मकर संक्रांति पूजा मंत्र
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस दिन आपको सूर्य देव के मंत्र ॐ सूर्याय नम, ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः, ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकररू का जाप करते हुए पूजा कर सकते हैं. इन तीन मंत्रों में से जो आप आसानी से उच्चारण कर सकें, उसका उपयोग करें।
मकर संक्रांति पूजा विधि
मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में स्नान कर लें. स्नान के पानी में काला तिल, हल्का गुड़ और गंगाजल मिला लें। इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें. एक तांबे के लोटे में पानी भर लें. अब उसमें काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत् आदि मिला लें. इसके बाद सूर्य देव को स्मरण करके उनके मंत्र का जाप करें. फिर उनको वह जल अर्पित कर दें.उनसे अपने निरोगी जीवन और धन्य धान्य से पूर्ण घर देने की मनोकामना करें. सूर्य देव की पूजा के बाद शनि देव को काला तिल अर्पित करें. आज के दिन सूर्य और शनि देव की काले तिल से पूजा करने पर दोनों ही प्रसन्न होते हैं.
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