मकर संक्रांति 2023 : जानिए क्यों है मकर संक्रांति का खास महत्व और पूजन विधि, जानें किस दिन मनाया जाएगा यह खास पर्व

Makar Sankranti 2023: Know why Makar Sankranti has special importance and worship method :जानें मकर संक्रांति की सही डेट, शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति 2023 : जानिए क्यों है मकर संक्रांति का खास महत्व और पूजन विधि, जानें किस दिन मनाया जाएगा यह खास पर्व
Modified Date: December 26, 2022 / 06:26 pm IST
Published Date: December 26, 2022 6:10 pm IST

Makar Sankranti 2022 on 14 January: पौष माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति की तिथि सूर्य देव की चाल तय करती है. जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति पर सूर्य अपनी उत्तरायण या उत्तरायण यात्रा शुरू करता है। नतीजतन, उत्तरायण इस त्योहार का दूसरा नाम है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्नान, दान पुण्य का बड़ा महत्व होता है और इस दिन सूर्यदेव की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। आईए जानते हैं साल 2023 में मकर संक्रांति कब है और इसका महत्व क्या है।

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मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti 2023 Shubh Muhurat)

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पंडित अरुणेश कुमार शर्मा के मुताबिक, इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 43 मिनट पर होगी. मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगा। वहीं महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को ही मनाई जाएगी. पुण्यकाल और महापुण्यकाल में स्नान-दान करना शुभ होता है।

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मकर संक्रांति पूजन विधि (Makar Sankranti 2023 Pujan Vidhi)

Makar Sankranti 2023: इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है.

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मकर संक्रांति का महत्व 

मकर संक्रांति देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। 14 जनवरी को मनाया जाने वाला दिन, शुभ उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है। मकर संक्रांति अनेकता में एकता का आदर्श उदाहरण है। भारत में प्रत्येक राज्य में मकर संक्रांति मनाने के अलग-अलग तरीके हैं, इस दिन, सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। प्रार्थना और आभार व्यक्त किया जाता है। भक्त मकर संक्रांति के अवसर पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं।

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भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार किया था

Makar Sankranti 2023: बताया जाता है कि मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था. तभी से भगवान विष्णु की इस जीत को मकर संक्रांति पर्व के तौर पर मनाया जाने लगा. साथ ही इस दिन गुड़ के अलावा तिल का भी विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन तिल का दान और प्रयोग किया जाता है और यह प्रक्रिया बहुत ही शुभ मानी जाती है. इस दिन कुछ जगहों पर पतंग उड़ाने की परंपरा भी होती है।


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