Narak Chaturdashi : आज है नरक चतुर्दशी, स्नान के बाद करें विष्णु की पूजा, पापों का होगा नाश, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल
Narak Chaturdashi : आज है नरक चतुर्दशी, स्नान के बाद करें विष्णु की पूजा, पापों का होगा नाश, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल
धर्म। Narak Chaturdashi 2022 : कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चतुर्दशी अथवा रूप चतुर्दशी एव छोटी दीपावली के रूप में मनायी जाती है। यह त्यौहार नरक चौदस या नर्का पूजा के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी दुर्दान्त असुर नरकासुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था।
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भगवान श्री कृष्ण द्वारा नरकासुर को उसके अंत समय दिए वर के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पूर्व जो अभ्यंगस्नान ( शरीर में तेल लगा कर ) करता है, उसे कृष्ण कृपा से नरक यातना नहीं भुगतनी पडती, उसके सारे पाप क्षयं हो जाते है । स्नान के पश्चात विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन करना अत्यंत पुण्यदायक कहा गया है। इससे पाप का नाश होता है और रूप सौन्दर्य की प्राप्ति होती है ।
Narak Chaturdashi 2022 : आज के दिन मृत्यु के देवता यमराज के लिए दीप दान भी किया जाता है। नरक से मुक्ति पाने हेतु इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर शरीर में तेल लगाकर अपामार्ग (चिचडी) पौधे सहित जल मे स्नान करने का बड़ा महात्मय है। स्नानादि से निर्वित्त होकर यमराज का तर्पण कर तीन अंजलि जल अर्पित करने का विधान भी बताया गया है। संध्याकालीन समय में यमराज के लिए दीपदान करना चाहिए।
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Narak Chaturdashi 2022 : तद्पश्चात एक थाली में एक चौमुखी दीपक और चौदह छोटे दीपक लेकर तेल बाती डालकर जलाना चाहिए। पूजा के बाद चौमुखी दीपक को घर के मुख्य द्वार पर रख दें और बाकी दीपक घर के बाहर कचरे के स्थान पर रख दें। नरकचतुर्दशी के दिन अभ्यंगस्नान, यमतर्पण, आरती, ब्राह्मणभोज, वस्त्रदान, यमदीपदान, प्रदोषपूजा, शिवपूजा, दीपप्रज्वलन जैसी धार्मिक विधियां करने से कोई भी मनुष्य अपने सभी पाप बंधन से मुक्त हो कर हरीपद को प्राप्त कर्ता है।
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मुहूर्त –
नर्क चतुर्दशी को गोधुली बेला के पूर्व स्नान कर लें। कृष्ण की पूजा करें. सूर्यास्त के बाद एक थाली में एक चौमुखी दीपक और चौदह छोटे दीपक लेकर तेल बाती डालकर जलाना चाहिए। पूजा के बाद चौमुखी दीपक को घर के मुख्य द्वार पर रख दें और बाकी दीपक घर के बाहर कचरे के स्थान पर रख दें।
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