Nirjala Ekadashi kab hai : कब है निर्जला एकादशी? इस दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए? जाने इस दिन किन कामों से जीवन में बढ़ सकती हैं मुश्किलें
When is Nirjala Ekadashi? Why should rice not be eaten on this day? Know which works can increase difficulties in life on this day
Nirjala Ekadashi Kab hai
Nirjala Ekadashi kab hai :एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते है इस व्रत मे पानी का पीना वर्जित है इसिलिये इस निर्जला एकादशी कहते है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला और भीमसेनी एकादशी कहते हैं। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते है इस व्रत मे पानी का पीना वर्जित है इसिलिये इस निर्जला एकादशी कहते है।
Nirjala Ekadashi kab hai
एकादशी पर चावल क्यों नहीं खाये जाते?
एकादशी के दिन चावल नहीं खाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन चावल खाना पाप माना जाता है, और ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति के पुण्य खत्म हो जाते हैं ये भी माना जाता है कि चावल खाने वले अगले जन्म में कीड़े मकोड़े के रूप में जन्म लेते हैं।
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निर्जला एकादशी पर भूल से भी न करें ये काम
१. तुलसी को जल अर्पित न करें निर्जला एकादशी पर तुलसी को जल देना वर्जित है। …
२. चावल का सेवन न करें एकादशी के दिन चावल या चावल से बनी चीजें खाना अशुभ माना जाता है। …
३. लहसुन और प्याज से बचें निर्जला एकादशी पर तामसिक भोजन, जैसे लहसुन, प्याज, मांस और शराब, का सेवन वर्जित है। …
४. बैंगन, मसूर दाल, मूली और जड़ वाली सब्जियां न खाएं
५. इस दिन नमक नहीं खाना चाहिए। नमक खाने से एकादशी और बृहस्पति का फल नष्ट हो जाता है। इसीलिए इस दिन सात्विक फलाहार ही खाना चाहिए।
Nirjala Ekadashi kab hai६. इस दिन मसूर की दाल, मूली, बैंगन, प्याज, लहसुन, शलजम, गोबी और सेम का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
७. निर्जला एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो व्रत से एक दिन पहले दशमी के दिन से ही अपने भोजन पर ध्यान न दें। ना तो तामसिक, मांसाहारी भोजन का सेवन करें। साथ ही मदिरा सहित सभी प्रकार के नशे से भी दूर रहें।
८. इस दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए। इस दिन लकड़ी का दातुन न करें। नींबू, आम या जामुन के पत्ते चबाकर कुल्ला कर लें और अंगुली से गला साफ कर लें।
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९. एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही उसे छूना चाहिए। क्योंकि तुलसी माता इस दिन उपवास में रहती है।
१०. इस दिन झाडू और पोछा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की हत्या का दोष लगता है।
११. एकादशी के दिन पान नहीं खाना चाहिए क्योंकि पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है।
१२. व्रत से एक रात पहले सोएं ना। पूरी रात भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का अराधना करें।
१३. इस दिन भूलकर भी स्त्री संग प्रसंग नहीं करना चाहिए। मनसा, वाचा और कर्मणा ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
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