Shree Ganga Maiya ki Aarti
Ganga Aarti with Lyrics : देवी गंगा के जन्म को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। वामन पुराण के अनुसार, जब श्री हरि विष्णु ने वामन स्वरूप में अपना एक पैर आकाश की ओर रखा था, उस दौरान ब्रह्मा देव ने उनके श्री चरणों को जल से धोकर अपने कमंडल में भर लिया था। इस पवित्र जल के तेज और शक्ति से ब्रह्मा जी के कमंडल में देवी गंगा का जन्म हुआ था । मां गंगा निर्मल, विशाल और मोहक हैं, जो अपने भक्तों को बहुत प्यार करती हैं । मां गंगा की पूजा करने से इंसान के अंदर धैर्य, निर्मलता और प्रेम की भावना पनपती है। गंगा आरती करने से इंसान को धन, सुख, वैभव और शांति की प्राप्ति होती है ।
Ganga Aarti with Lyrics : आईये हम करें श्री गंगा मैय्या की आरती
॥ श्री गंगा मैया आरती ॥
नमामि गंगे ! तव पाद पंकजम्,
सुरासुरैः वंदित दिव्य रूपम् ।
भक्तिम् मुक्तिं च ददासि नित्यं,
भावानुसारेण सदा नराणाम् ॥
हर हर गंगे, जय माँ गंगे,
हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥
Ganga Aarti with Lyrics
ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता ॥
चंद्र सी जोत तुम्हारी,
जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी,
सो नर तर जाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥
Ganga Aarti with Lyrics
पुत्र सगर के तारे,
सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी,
त्रिभुवन सुख दाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥
एक ही बार जो तेरी,
शारणागति आता ।
यम की त्रास मिटा कर,
परमगति पाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥
Ganga Aarti with Lyrics
आरती मात तुम्हारी,
जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में,
मुक्त्ति को पाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥
ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता ॥
Ganga Aarti with Lyrics
ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
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