Holika Dahan Par Dhan Prapti : हिंदू धर्म में होली के पर्व को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शाम को होलिका जलाई जाती है और फिर अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है। होली की ही तरह होलिका दहन का बहुत ज्यादा महत्व होता है। इसके लिए कुछ दिन पहले से एक जगह पर लकड़ियां और खरपतवार इकठ्ठा किए जाते हैं। फिर होलिका दहन की रात गोबर के कंडों और उपलों को डालकर परिक्रमा किया जाता है फिर होलिका की अग्नि जलाई जाती है। होलिका दहन पर कुछ उपाय करने से धन संबंधित समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है।
भद्राकाल काल में होलिका दहन करना शुभ नहीं होता है और इस साल होलिका दहन की शाम भद्रा का साया है। 24 मार्च को भद्राकाल रात्रि 11 बजकर 13 मिनट तक रहने वाला है, इसलिए होलिका दहन का श्रेष्ठ मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 14 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इसी बीच में आप होलिका दहन कर सकते हैं।
होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर दोमुखा दीपक जलाएं। दीपक बुझ जाए तो उसे होलिका की अग्नि में डाल दें। सुख-समृद्धि के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को होलिका में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता चढ़ाना चाहिए।
होलिका की 11 परिक्रमा कर सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए। ऐसा करने से रुका हुआ धन वापस आने की मान्यता है।
होलिका दहन की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाकर भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। व्यापार व नौकरी में लाभ के लिए होलिका दहन के समय 21 गोमती चक्र शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
एक नारियल के गोले में छेद कर उसमें अलसी का तेल भरें। थोड़ा गुड़ डाल कर उसे जलती होलिका में डाल दें। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहों का दोष भी दूर होता है।
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20 hours ago