मरने के बाद घर में इतने दिनों तक रहती है आत्‍मा, जानिए इसके पीछे की वजह

Journey of the soul after death: मृत्यु के बाद मनुष्य शरीर की आत्मा 13 दिनों तक अपने ही घर में रहती है। गरुड़ पुराण में मृत्‍यु से जुड़े संस्‍कारों को लेकर कई नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करने से मृतक की आत्‍मा को शांति मिलती है, उसे अच्‍छी गति मिलती है।

मरने के बाद घर में इतने दिनों तक रहती है आत्‍मा, जानिए इसके पीछे की वजह

Soul stays in its own house for 13 days after death, know the reason behind it

Modified Date: January 8, 2023 / 10:39 pm IST
Published Date: January 8, 2023 10:35 pm IST

Journey of the soul after death: गरुड़ पुराण में जन्‍म से लेकर मृत्‍यु और उसके बाद आत्‍मा के सफर तक के बारे में कई बातों का वर्णन किया गया है। ये ऐसे रहस्‍यों से पर्दा उठाता है, जिनके बारे में जानने की जिज्ञासा कई लोगों के मन में रहती है। केवल इतना ही नहीं गरुड़ पुराण में मृत्‍यु से जुड़े संस्‍कारों को लेकर कई नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करने से मृतक की आत्‍मा को शांति मिलती है, उसे अच्‍छी गति मिलती है। वहीं, पूर्वजों के आशीर्वाद से व्‍यक्ति का परिवार खूब तरक्‍की, सुख-समृद्धि पाता है।

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13 दिनों तक अपने घर में रहती है आत्मा

Journey of the soul after death: गरुड़ पुराण के मुताबिक, मृत्यु के बाद मनुष्य शरीर की आत्मा 13 दिनों तक अपने ही घर में रहती है। इसलिए मृत्‍यु के बाद 13 दिनों तक कई संस्‍कार किए जाते हैं। मृतक की आत्‍मा के लिए रोज भोजन निकाला जाता है। इसके बाद तेहरवीं की जाती है और पिंडदान भी किया जाता है। दरअसल, मृत्‍यु के बाद यमदूत आत्‍मा को तुरंत अपने साथ यमलोक ले जाते हैं। जहां उसके कर्मों का हिसाब किया जाता है और फिर 24 घंटे बाद आत्‍मा फिर से अपने घर पर लौट आती है।

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परिवार के प्रति मोह है वजह

Journey of the soul after death: इसके पीछे वजह उसका अपने परिवार के प्रति मोह होता है। यहां आत्‍मा अपने परिजनों के बीच भटकती रहती है, उन्‍हें पुकारती रहती है, लेकिन परिजन जब उसकी आवाज नहीं सुनते हैं तो वह बैचेन हो जाती है। चूंकि उसके शरीर का भी अंतिम संस्‍कार हो चुका होता है। लिहाजा वह अपने पुराने शरीर में भी प्रवेश कर पाती है। इस दौरान आत्‍मा इतनी कमजोर हो जाती है कि वह कहीं भी यात्रा करने में असमर्थ रहती है।

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पिंडदान को बेहद जरूरी

Journey of the soul after death: परिजन पिंडदान कर तेरहवी के दिन जरूरी संस्‍कार करते हैं, जिससे आत्‍मा को बल मिलता है और वह यमलोक की यात्रा करती है। इतना ही नहीं पिंडदान के समय दिया गया भोजन आत्‍मा को 1 साल तक शक्ति देता रहता है। इसलिए पिंडदान को बेहद जरूरी माना गया है, वहीं जिन आत्‍माओं के लिए पिंडदान नहीं किया जाता है, उन्‍हें यमदूत 13वें दिन जबरदस्ती घसीते हुए यमलोक की ओर ले जाते हैं। इससे मृतक व्यक्ति की आत्मा को बेहद कष्ट उठाने पड़ते हैं, वहीं जिन लोगों के कर्म खराब रहते हैं, उनकी आत्‍मा भी बहुत कष्‍ट उठाती है।

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