आज से पितृपक्ष शुरू, 12 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, इन चीजों से रहना होगा दूर, वरना जीवन भर पड़ेगा पछताना

Pitru Paksha 2022: आज से पितृपक्ष शुरू, 12 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, इन चीजों से रहना होगा दूर, otherwise you will have to repent for life

आज से पितृपक्ष शुरू, 12 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, इन चीजों से रहना होगा दूर, वरना जीवन भर पड़ेगा पछताना

इस बार पितृ पक्ष 16 दिन का होगा। ऐसे में इस दौरान कुछ कार्यों से परहेज करने के साथ-साथ कुछ चीजों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। पितृ पक्ष के श्राद्ध में इन कार्यों को करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

Modified Date: November 28, 2022 / 09:29 pm IST
Published Date: September 10, 2022 7:09 am IST

नई दिल्ली। Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष यानी श्राद्ध आज से शुरू हो रहे हैं। 25 सितंबर 2022 को सर्व पितृ अमावस्या या पितृविसर्जन के साथ ही श्राद्ध खत्म होंगे। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, हर वर्ष भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि और आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तक पितृपक्ष रहता है। पितृपक्ष के इन 15 दिनों में पितरों की पूजा, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। बताया जा रहा है कि इस बार श्राद्ध 16 दिन का है, जिसके पीछे खास वजह है।

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12 साल बाद बना ऐसा संयोग

क्या है श्राद्ध को लेकर मान्यता

Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में किया जाने वाला श्राद्ध पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक है। विधिपूर्वक श्राद्ध करने से पितर तृप्त होते हैं और प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि व संतान सुख आदि प्रदान करते हैं। कहा जाता है कि पितृ पक्ष के श्राद्ध यानी 16 श्राद्ध वर्ष के ऐसे सुनहरे दिन हैं, जिनमें व्यक्ति श्राद्ध प्रक्रिया में शामिल होकर ‘देव ऋण’, ‘ऋषि ऋण’ तथा ‘पितृ ऋण’, तीनों ऋणों से मुक्त हो सकता है।

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पितृपक्ष में इन नियमों का पालन करना होता है बेहद जरूरी, वरना नहीं मिलता पूर्वजों का आशीर्वाद

Pitru Paksha 2022: श्राद्ध के लिए दिन का समय बेहतरीन होता है। कभी गलती से भी रात के वक्त श्राद्ध न करें। ऐसा माना जाता है कि रात राक्षसों का समय होता है। श्राद्ध में मसूर की दाल, मटर, राजमा, काला उड़द, सरसो और बासी भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए। श्राद्ध में लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का सेवन भी नहीं किया जाता। श्राद्ध में नहाते समय तेल, उबटन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। श्राद्ध के समय किसी भी तरह के शुभ काम को करने से बचना चाहिए। इसके अलावा नए कपड़ों की खरीदारी पर भी रोक होती है। श्राद्ध में बाल, दाढ़ी और नाखून काटने से भी बचना चाहिए। श्राद्ध घर के आदमी को करना चाहिए, औरत को नहीं।

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