पितृपक्ष में इन नियमों का पालन करना होता है बेहद जरूरी, वरना नहीं मिलता पूर्वजों का आशीर्वाद
Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष में इन नियमों का पालन करना होता है बेहद जरूरी, otherwise you do not get the blessings of ancestors
- पितृपक्ष में पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 15 दिन तक जो कोई भी श्राद्ध कर्म करते हैं। पितरों की मृत्यु की तिथि याद है तो तिथि अनुसार पिंडदान करना सबसे उत्तम होता है।
- श्राद्ध पक्ष में घर पर सात्विक भोजन करना अच्छा होता है, खासतौर पर उनके लिए जो पितृ पक्ष में रोजाना तर्पण करते हैं, पितृ पक्ष के दौरान तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए।
- श्राद्ध पक्ष में लहसुन, प्याज से बना भोजन नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से पितृ दोष लगता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष में पंचबली का खास महत्व है। इसके लिए सबसे पहला भोजन गाय के लिए निकाला जाता है। जिसे गो बली के नाम से भी जाना जाता है।
- दूसरा भोजन कुत्ते के लिए निकाला जाता है, जिसे श्वानबली कहा जाता है।
- तीसरा भोजन कौवे के लिए निकाला जाता है, जिसे काक बलि कहते हैं।
- चौथा भोजन देवताओं के लिए निकाला जाता है, जिसे देव बलि कहा जाता है। जिसे या तो जल में प्रवाहित कर दिया जाता है या गाय को खिला दिया जाता है।
- पांचवां और अंतिम बलि चीटियों का होता है, इसमें चीटियों के निमित्त भोजन निकाला जाता है, जिसे पिपीलिकादि बलि के नाम के जाना जाता है।
- पितृपक्ष में बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना होता है। कहा जाता है कि पितृ पक्ष में बाल-दाढ़ी कटवाने से धन की हानि होती है, ऐसे में जो लोग पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त तर्पण करते हैं, उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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