Importance of Nirjala Ekadashi : निर्जला एकादशी को सभी एकादशी में श्रेष्ठ माना गया है। यह व्रत बेहद कठिन होता है, इसमें पूरे दिन निर्जला रहना होता है। ज्येष्ठ माह की भीषण गर्मी में निर्जला रहना बहुत मुश्किल होता है इसलिए इस व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस वर्ष 17 जून को यानि आज निर्जला एकादशी मनाई जाएगी। हर एकादशी में भगवान विष्णु के पूजा का विधान है। एकादशी का व्रत रखने से श्री हरि अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
बता दें कि सभी एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की इस निर्जला एकादशी का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। निर्जला एकादशी में निर्जल यानि बिना पानी पिए व्रत करने का विधान है। कहते हैं जो व्यक्ति साल की सभी एकादशियों पर व्रत नहीं कर सकता वो इस एकादशी के दिन व्रत करके बाकी एकादशियों का लाभ भी उठा सकता है। निर्जला एकादशी का व्रत काफी कठिन माना जाता है क्योंकि इसमें अन्न और जल कुछ भी ग्रहण करने की मनाही होती है। ऐसे में इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
1- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
2- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
3- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
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