Asha Dashami Vrat Puja Muhurat : क्यों रखा जाता है आशा दशमी का व्रत, क्या है इसका महत्व, एक क्लिक में जाने सब कुछ
Asha Dashami Vrat Puja Muhurat : आषाढ़ माह की शुक्ल दशमी को आशा दशमी कहते हैं। इस बार ये 16 जुलाई 2024 मंगलवार को मनाई जाएगी।
Asha Dashami Vrat Puja Muhurat
नई दिल्ली : Asha Dashami Vrat Puja Muhurat : आषाढ़ माह की शुक्ल दशमी को आशा दशमी कहते हैं। इस बार ये 16 जुलाई 2024 मंगलवार को मनाई जाएगी। इसी दिन मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाएगा। आशा दशमी व्रत केवल उत्तर भारत में कुछ समुदायों द्वारा मनाया जाता है। भारत के कुछ अन्य क्षेत्रों में यह व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को भी मनाया जाता है। आओ जानते हैं महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त।
आशा दशमी का महत्व
Asha Dashami Vrat Puja Muhurat : धार्मिक मान्यतानुसार यह व्रत जीवन की सभी आशाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है। इसीलिए इसे आशा दशमी कहते हैं। इस व्रत का प्रारंभ महाभारत काल से माना जाता है। जिसका महत्व भगवान श्री कृष्ण ने पार्थ को बताया था। आशा दशमी व्रत को आरोग्य व्रत भी कहा जाता है क्योंकि इस व्रत के प्रभाव से शरीर हमेशा निरोगी तथा मन शुद्ध रहता है। साथ ही पीड़ित व्यक्ति को असाध्य रोगों से मुक्ति भी मिलती है। आशा दशमी व्रत देवी माता पार्वती को समर्पित हैं तथा इस व्रत की पूजा और अनुष्ठान से जीवन में शांति, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
आशा दशमी पर्व मनाने का उद्देश्य अच्छा वर/ पति, संतान और उनकी अच्छी सेहत के लिए किया जाता है। इस दिन ऐन्द्री, आग्रेयी, याम्या, नैऋति, वारुणी, वाल्व्या, सौम्या, ऐशनी, अध्: तथा ब्राह्मी इन दस आशा देवियों से अपनी सभी कामनाओं की सिद्धि के लिए पूजन एवं प्रार्थना की जाती है। आशा दशमी व्रत यह व्रत करने से मनुष्य के जीवन की सभी आशाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत के प्रभाव से शिशु की दंतजनिक पीड़ा भी दूर हो जाती है।
आशा दशमी की पूजा का शुभ मुहूर्त
Asha Dashami Vrat Puja Muhurat : ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:12 से 04:53 तक।
प्रातः सन्ध्या: प्रात: 04:33 से 05:34 तक।
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:45 से 03:40 तक।
अमृत काल: दोपहर 04:48 से 06:31 तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:19 से 07:40 तक।
सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:20 से 08:22 तक।

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