Politics on Pahalgam Attack | Photo Credit: IBC24
नई दिल्ली: Politics on Pahalgam Attack मोदी सरकार ने एक तरफ जहां सेना को खुली छूट दे दी तो वहीं पहलगाम आतंकी हमले पर सियासत भी धीरे-धीरे गरमाने लगी है। विपक्ष सुरक्षा में चूक का सवाल उठा रहा है और संसद का संयुक्त सत्र बुलाने की मांग भी तेज हो गई। इसे लेकर सोशल मीडिया में भी सियासी जंग जारी है।
Politics on Pahalgam Attack 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश एकजुट है। विपक्ष दलों ने भी सरकार को पूरा समर्थन दिया। सर्वदलीय बैठक में भी एकजुटता नजर आई, लेकिन दिन गुजरते ही सोशल मीडिया में कांग्रेस और बीजेपी में जमकर पोस्टर वॉर का सिलसिला चल पड़ा है।
कांग्रेस ने तस्वीर के जरिए तंज कसा कि जब पहलगाम हमले की जिम्मेदारी उठाने का समय आया तो PM गायब हो गए। दरअसल 24 अप्रैल को हुई सर्वदलीय बैठक में PM मोदी शामिल नहीं हुए थे और बिहार में रैली कर रहे थे। बीजेपी ने भी पोस्टर का जवाब पोस्टर से दिया। ये पोस्टर जारी कर कांग्रेस नेताओं पर पाकिस्तान का एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। कांग्रेस को पाकिस्तान का PR एजेंट करार दिया। कांग्रेस का हाथ, पाकिस्तान के साथ बताया। वहीं बीजेपी नेता अमित मालवीय ने X पर लिखा कि कांग्रेस ने सिर तन से जुदा जैसी भाषा का इस्तेमाल कर साबित कर दिया कि वो मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखकर किसी भी हद तक जा सकती है। लेकिन देखा जाए तो असल में गर्दन तो कांग्रेस की कटी है जो अब बिना दिशा वाला एक बेकाबू संगठन बन गई है।
इस बीच उत्तरप्रदेश के लखनऊ स्थित कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर भी चर्चा के केंद्र में है। जिसमें लिखा है कि मोदी जी शर्म करो आपने देश से पहले चुनाव को चुना। जबकि राहुल गांधी ने देश को चुना। पहलगाम हमले को लेकर जारी पोस्टर वॉर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें पहलगाम हमले पर चर्चा और इसके खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए संसद के विशेष सत्र की मांग की है। कांग्रेस की इस मांग पर भी बयानबाजी तेज है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष में जहां एक तरफ पहलगाम हमले को लेकर सियासत जारी है। वहीं कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सरकार ने 80 टूरिस्ट प्लेसेस में से 48 को बंद कर दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के X हैंडल को भी भारत में ब्लॉक कराया। सोमवार को ही 17 पाकिस्तानी यू-ट्यूब चैनल्स देश में बैन कर दिए थे। भारत सरकार के एक्शन और कार्रवाई के बाद विपक्ष एक तरफ तो साथ देने की बात करता है..लेकिन दूसरी तरफ पार्टी के नेता पोस्टर और बयानों के तीर चला रहे। ऐसे में सवाल है कि क्या आतंकी हमले को लेकर भी देश की सियासत बंटी रहेगी?