#SarkarOnIBC24: धर्म और मजहब की ओर मुड़ रही सियासत की दिशा, हिंदुत्व के एजेंडे से बढ़ा कांग्रेस-भाजपा का सरोकार, क्या ऐसे बनेगी ‘सरकार’?..

#SarkarOnIBC24: धर्म और मजहब की ओर मुड़ रही सियासत की दिशा, हिंदुत्व के एजेंडे से बढ़ा कांग्रेस-भाजपा का सरोकार, क्या ऐसे बनेगी ‘सरकार’?..

Sarkar on IBC24

Modified Date: August 25, 2023 / 12:02 am IST
Published Date: August 25, 2023 12:02 am IST

भोपाल : कोई भी दल लाख दावे कर ले कि चुनाव वो विकास और जनहित के मुद्दे लेकर जाएंगे लेकिन चुनाव आते-आते लोकहित और जनसमस्या के जुड़े मुद्दों के स्थान पर गूंजते हैं, धार्मिक और भावनात्मक मुद्दे। (Sarkar On IBC24) 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बनाने के लिए दोनों दलों ने इस बार भी आस्था से जुड़े कुछ खास केंद्रों को लेकर ऐसा ही प्लान बनाया है।

छिंदवाड़ा के जामसांवली में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज हनुमान लोक की नींव रखी। 315 करोड़ की लागत से बनने वाले हनुमान लोक की आधारशिला रखने का साथ उन्होंने दावा किया कि हनुमान उनके साथ हैं।

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एक तरफ कांग्रेस छिंदवाड़ा के सबसे उंचे हनुमान मंदिर के नाम पर वोट मांग रही है तो बीजेपी हनुमान लोक के नाम पर खैर चुनावों में तीन महीने बाकी है मगर हनुमान लोक को लेकर बीजेपी सरकार के दावे कांग्रेस को हजम नहीं हो रहे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जो काम चार साल पहले कांग्रेस की सरकार शुरु कर चुकी है। उसकी घोषणा मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा में कर रहे हैं।

सियासी आरोप-प्रत्यारोप से इतर बीजेपी और कांग्रेस दोनों धर्म की नैया पर सवार होकर चुनावी वैतरणी पार लगाना चाहती है। कांग्रेस जहां छिंदवाड़ा में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा भी कराने जा रही है। इधर शिवराज सरकार उज्जैन में महाकाल लोक के बाद छिंदवाड़ा में हनुमान लोक का नींव रख दिया है। इसके अलावा सलकनपुर में कॉरिडोर बनाने का प्लान तैयार है। दतिया में देवीलोक, मां पीतांबरा का भी कॉरिडोर बनाएगी सरकार. तो ओरछा में रामराजा लोक भी बनाने का प्लान है..कुल मिलाकर शिवराज सरकार प्रदेश में 11 धार्मिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा कर चुकी है। भाजपा का मानना है कि ये धार्मिक कॉरिडोर ही विधानसभा चुनावों गेम चेंजर साबित होंगे। लेकिन कांग्रेस इसे सिर्फ बीजेपी का सियासी स्टंट बता रही है।

कुल मिलाकर चुनावी साल में बीजेपी-कांग्रेस हिंदुत्व के एजेंडे पर खुल कर आगे बढ़ रही है। ऐसे में एक बार फिर ये सवाल खड़ा होने लगा है कि चुनाव जीतने के लिए क्या वाकई धर्म का सहारा लेना ही आखिरी और एक मात्र उपाय है।

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A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown