#SarkarOnIBC24: क्या डेडलाइन से पहले ख़त्म हो जाएगा देशभर से नक्सलवाद?.. गगन्ना के मौत से टूट गई माओवादियों की रीढ़?.. देखें सरकार..
सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद के पूरी तरह सफाए का लक्ष्य रखा है। बस्तर जैसे क्षेत्रों में विकास की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन नक्सलवाद ने लंबे समय से इसे रोक रखा था।
SarkaronIBC24, image source: ibc24
- अबूझमाड़ ऑपरेशन में 27 नक्सली ढेर, टॉप कमांडर बसवा राजू भी मारा गया।
- ऑपरेशन में एके-47, इंसास, SLR जैसे भारी ऑटोमैटिक हथियार बरामद किए गए।
- पीएम मोदी, सीएम साय ने जवानों को बधाई दी, विपक्ष ने भी सराहना की।
#SarkarOnIBC24: रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। कभी प्रदेश के लिए नासूर माने जाने वाले नक्सलवाद की अब अंतिम सांसें गिनने की बात कही जा रही है। बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में सुरक्षा बलों ने एक और बड़ा ऑपरेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, जिसमें 27 नक्सली मारे गए। मारे गए नक्सलियों में संगठन का टॉप कमांडर और महासचिव बसवा राजू भी शामिल है, जिस पर डेढ़ करोड़ का इनाम था। वह झीरम घाटी हमले समेत कई बड़ी घटनाओं का वांछित था।
Will Naxalism end from India before March 2026?
यह कार्रवाई ऑपरेशन कर्रेगुट्टा की सफलता के कुछ ही दिन बाद हुई है, और इसे नक्सल विरोधी अभियान में एक और बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन के दौरान भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए, जिनमें एके-47, इंसास और SLR जैसे ऑटोमैटिक हथियार शामिल हैं।
#SarkarOnIBC24: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने डीजीपी और CRPF के शीर्ष अधिकारियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवानों की सराहना की और इस सफलता को ऐतिहासिक करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी जवानों को बधाई दी है।
वहीं विपक्ष ने भी इस ऑपरेशन की सफलता को सराहा, लेकिन साथ ही कहा कि यह उपलब्धि कांग्रेस सरकार के दौरान किए गए रणनीतिक प्रयासों का भी परिणाम है।
#SarkarOnIBC24: सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद के पूरी तरह सफाए का लक्ष्य रखा है। बस्तर जैसे क्षेत्रों में विकास की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन नक्सलवाद ने लंबे समय से इसे रोक रखा था। अब जब नक्सली संगठन कमजोर हो रहे हैं और शांति वार्ता या युद्धविराम की मांग कर रहे हैं, तो इसे संकेत माना जा रहा है कि उनका अंत नजदीक है। सरकार का कहना है कि अब आतंक की जगह विकास की बात होगी।

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